आतंकवाद साझा समस्या है, हम सभी को मिलकर इसका मुकाबला करना चाहिए: थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय सांसदों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयॉर्क में 9/11 स्मारक जाकर आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
![]() कांग्रेस सांसद शशि थरूर |
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने उनके प्रति एकजुटता व्यक्त की और इस बात पर जोर दिया कि दुनिया को आतंकवाद की ‘‘साझा समस्या’’ के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होना होगा।
यह स्मारक नौ सितंबर 2001 में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों की याद में बनाया गया है।
थरूर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल एकजुटता दर्शाने के लिए 9/11 स्मारक पहुंचा और यह ‘‘हमारे लिए बहुत ही मार्मिक क्षण’’ था।
उन्होंने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य एक बहुत मजबूत संदेश देना भी था कि ‘‘हमारे अपने देश में एक और आतंकवादी हमले के बाद हम यहां एक ऐसे शहर में हैं जो उस क्रूर आतंकवादी हमले के निशान अब भी झेल रहा है।’’
थरूर ने कहा कि अमेरिका की तुलना में भारत को ‘‘बहुत अधिक संख्या में आतंकवादी हमलों का सामना करना पड़ा है।’’
उन्होंने शनिवार को कहा, ‘‘हम यह याद दिलाने के लिए यहां आए हैं कि यह एक साझा समस्या है। हम पीड़ितों के साथ एकजुटता की भावना दर्शाने के लिए भी यहां हैं। इन पीड़ितों में भारतीय भी शामिल थे... यह एक वैश्विक समस्या है, एक अभिशाप है और हम सभी को इससे एकजुट होकर लड़ना चाहिए। यह संदेश देना बहुत महत्वपूर्ण था।’’
शनिवार दोपहर न्यूयॉर्क पहुंचा प्रतिनिधिमंडल ‘लोअर मैनहट्टन’ में ‘नेशनल सितंबर 11 मेमोरियल एंड म्यूजियम’ गया और उसने ‘मेमोरियल पूल’ पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी भी मौजूद थे।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क से गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील की यात्रा करेगा और उसके बाद तीन जून के आसपास ‘वाशिंगटन डीसी’ लौटेगा। यह एक कूटनीतिक प्रयास है जिसका उद्देश्य सभी प्रकार के आतंकवाद के विरुद्ध भारत के एकजुट और दृढ़ रुख को प्रदर्शित करना है।
थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफराज अहमद, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के जी एम हरीश बालयोगी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता एवं तेजस्वी सूर्या, शिवसेना के मिलिंद देवरा और पूर्व राजनयिक तरनजीत संधू शामिल हैं।
थरूर ने 9/11 स्मारक स्थल पर मीडिया से बातचीत में उम्मीद जताई कि इन देशों की यात्रा के माध्यम से ‘‘हम दुनिया को यह समझा पाएंगे कि आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एक साथ खड़ा होना कितना महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जिस तरह अमेरिका ने 9/11 के बाद दृढ़ संकल्प दिखाया, उसी तरह हमारा देश भी उन दुष्ट ताकतों के खिलाफ खड़ा हुआ जिन्होंने 22 अप्रैल को हम पर हमला किया था।’’
थरूर ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इस हमले को अंजाम देने वालों और उन्हें वित्तपोषित करने वालों, प्रशिक्षित करने वालों, संसाधनों से लैस करने वालों और निर्देश देने वालों ने सबक सीखा होगा, लेकिन हम दुनिया को यह बताना चाहते हैं कि अगर ऐसा दोबारा हुआ तो हम चुप नहीं बैठेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि दुनिया यह समझे कि यह उदासीन बने रहने का समय नहीं है, बल्कि आपसी ताकत एवं एकजुटता दिखाने का समय है, ताकि हम सभी लोकतंत्र, मानव स्वतंत्रता, विविधता, विभिन्न समुदायों के लोगों के सह-अस्तित्व के उन मूल्यों के लिए मिलकर खड़े हो सकें जिन्हें अमेरिका ने हमेशा संजोया है लेकिन दुख की बात है कि इनमें से कोई भी मूल्य उन लोगों के एजेंडे में नहीं है जिन्होंने इस तरह के हमले किए हैं।’’
थरूर ने कहा कि भारत अपने विकास और तरक्की पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना चाहेगा लेकिन अगर इसे बाधित करने का प्रयास किया जाएगा तो ‘‘हम उन्हें उसी तरह से जवाब देंगे।’’
‘पीटीआई’ ने जब पूछा कि क्या सुरक्षा परिषद को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ जैसे आतंकवादी संगठनों को सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध किया जाए, उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में परिषद के 15 सदस्य शामिल होते हैं जो आम सहमति से काम करते हैं।
थरूर ने कहा, ‘‘कम से कम एक स्थायी सदस्य उस एक अस्थायी सदस्य की मदद कर रहा है, जिसकी इस मामले में प्रत्यक्ष भागीदारी है।’’
उन्होंने वीटो शक्ति प्राप्त चीन और पाकिस्तान का जिक्र करते हुए यह बात कही। इस समय पाकिस्तान परिषद का अस्थायी सदस्य है।
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