पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ हालिया सैन्य संघर्ष में मारे गए पाकिस्तानी सेना और वायुसेना के सैनिकों को मंगलवार को श्रद्धांजलि दी।

|
भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में छह-सात मई की दरमियानी रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत नौ आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए थे।
भारतीय हमलों के जवाब में पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि, बीते शनिवार को दोनों देशों में सैन्य कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोकने की सहमति बनी थी।
पाकिस्तान ने मंगलवार को कहा कि भारत के साथ हाल ही में हुए सैन्य टकराव में एक स्क्वाड्रन लीडर समेत 11 सैन्यकर्मी मारे गए और 78 अन्य घायल हो गए।
राष्ट्रपति जरदारी ने भारतीय हमलों में मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि पूरा देश “पाकिस्तानी सेना और वायुसेना के उन बहादुर बेटों को सलाम करता है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी।”
जरदारी ने एक बयान में कहा, “हमें अपने शहीदों की कुर्बानी पर गर्व है। हमारी बहादुर सेनाओं ने सफलतापूर्वक राष्ट्र और देश की अखंडता की रक्षा की।”
उन्होंने भारतीय कार्रवाई में मारे गए सैनिकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
वहीं, प्रधानमंत्री शरीफ ने मरक-ए-हक के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए देश के लिए अपनी जान देने वालों के परिवारों को सलाम किया।
पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को कहा कि ऑपरेशन ‘बुन्यान-ए-मर्सूस’ ‘मरका-ए-हक’ (सच की लड़ाई) का हिस्सा था, जो पाकिस्तान के अंदर भारतीय हमलों के बाद शुरू हुआ था।
शरीफ ने कहा कि सशस्त्र बलों के बहादुर अधिकारियों और सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए राष्ट्र से किया अपना वादा निभाया। उन्होंने 40 ‘नागरिकों’ की मौत पर गहरा दुख जताया।
| | |
 |