तुर्की, सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 8,000 के करीब, बचाव कार्य जारी
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूंकप के बाद बचाव कार्य जारी है। अब तक दोनों देशों में आए भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 7,926 पहुंच गई है।
![]() तुर्की, सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 8,000 के करीब |
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार तड़के राष्ट्र के नाम एक संबोधन में तुर्की के उपराष्ट्रपति फुअत ओकटे ने कहा कि अब तक कम से कम 5,894 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जबकि 34,810 घायल हैं।
उन्होंने कहा कि कुल 16,139 टीमें वर्तमान में बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, आने वाले दिनों में अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय टीमों को तैनात किया जाएगा।
वहीं, सीरिया में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,032 हो गई है, जबकि 2,600 लोग घायल हैं। इसकी जानकारी सीरियाई नागरिक सुरक्षा ने दी।
सीएनएन ने समूह के हवाले से कहा, सैंकड़ों परिवारों के मलबे में दबे होने के कारण इन आंकड़ों में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
सीरिया की राज्य समाचार एजेंसी सना के अनुसार, देश के सरकार-नियंत्रित हिस्सों में कम से कम 812 मौतों की पुष्टि की गई है।
ठंड का मौसम घायलों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। वहीं इससे बचाव कार्यो में भी बाधा आ रही है।
विनाशकारी भूंकप के चलते 60 से अधिक देशों ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय सहायता भेजी जा रही है। वर्तमान में लगभग 20 अंतर्राष्ट्रीय सरकारी दल बचाव कार्यो में जुटे हुए हैं।
तुर्की के दक्षिणी प्रांत कहामनमारस में सोमवार सुबह 4.17 बजे 7.8 तीव्रता से विनाशकारी भूकंप आया, जिसके कुछ मिनट बाद गजियांटेप प्रांत में 6.4 तीव्रता से भूकंप आया।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार, 7.8 तीव्रता के भूकंप का केंद्र गाजियांटेप में नूरदागी से 23 किमी पूर्व में 24.1 किमी की गहराई में था।
दोपहर करीब 1.30 बजे 7.5 तीव्रता से भूकंप का तीसरा झटका कहारनमारास में महसूस किया गया।
तुर्की के दक्षिणी प्रांत हैटे और सीरिया के उत्तरी अलेप्पो शहर में सबसे ज्यादा लोगों की जान गई, जबकि लेबनान, इजराइल और साइप्रस में भी भूंकप के झटके महसूस किए गए।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने मंगलवार को देश के 10 सबसे अधिक प्रभावित प्रांतों में तीन महीने के आपातकाल की घोषणा की।
भूकंप के चलते भारी नुकसान हुआ है। कई बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह गिर गईं हैं।
तुर्किए के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि कहारमनमाराश इलाके में 6 फरवरी को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद अब तक भूकंप के कुल 435 झटके दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि भूकंप के बाद से राहत और बचाव कार्य के लिए अब तक कुल 60,217 कर्मचारी और 4,746 वाहन और निर्माण उपकरण तैनात किए जा चुके हैं।
तुर्किए में आए भूकंप के बाद दुनिया के देशों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है, कुल 70 देशों की टीमें राहत और बचाव कार्य के लिए तुर्किए पहुंच चुकी हैं। लेकिन तुर्किए का खराब मौसम राहत-बचाव के लिए बाधा बना हुआ है।
हजारों इमारतों के मलबे में बचे लोगों को ढूंढ़ने के लिए बचावकर्मी काम में लगे हुए हैं। उधर भारत ने दो विमानों के जरिए राहत सामग्री और मेडिकल दलों को भेजा है।
तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा, 24,400 से अधिक आपातकालीन कर्मी मौके पर मौजूद हैं। अकेले तुर्की में ही लगभग 6,000 इमारतों के ढहने की पुष्टि के साथ उनके प्रयास बहुत कम साबित हो रहे हैं। आपदा में बचे हुए लोगों तक पहुंचने के प्रयास में शून्य से नीचे का तापमान और करीब 200 की संख्या में आए भूकंप के बाद के झटके भी बाधा बन रहे हैं, इससे अस्थिर ढांचों के भीतर लोगों को खोजना काफी खतरनाक हो गया है।
अधिकारियों ने बताया, भूकंप के केंद्र के दक्षिण पूर्व में स्थित हते में करीब 1500 इमारतें जमींदोज हो गईं और कई लोगों ने अपने परिजनों के मलबे में फंसे होने और किसी बचाव दल या मदद के नहीं पहुंचने की शिकायत की है। सीरिया में ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के मिशन प्रमुख सेबस्टियन गे ने कहा, उत्तरी सीरिया में चिकित्सा कर्मी जी जान से जुटे हैं।
उधर, विदेशमंत्री एस जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, भारत इस चुनौतीपूर्ण क्षण में अपनी एकजुटता व्यक्त करता है। बचाव कर्मियों के एक समूह, प्रशिक्षित ान दस्ता, ड्रिल मशीन, राहत सामग्री, दवाइयों के साथ प्रथम सी-17 परिवहन विमान मंगलवार सुबह तुर्की के अदन में उतरा। भारतीय वायुसेना का दूसरा विमान इसी तरह की सामग्री और कर्मियों के साथ दोपहर तुर्की के लिए रवाना हुआ। जयशंकर ने कहा, एनडीआरएफ के बचाव कर्मियों, प्रशिक्षित ान दस्ते, ड्रिल मशीन, राहत सामग्री, दवाइयां और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ प्रथम भारतीय सी-17 उड़ान अदन (तुर्की) पहुंच गया है।
भारत ने भेजी है सहायता
तुर्किए में आए भूकंप के बाद भारत ने भी तुर्किए के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। भारत ने राहत सामग्री, उपकरण और सैन्यकर्मियों से भरे चार सी-17 विमान। करीब 108 टन से अधिक वजन के राहत पैकेज तुर्किए भेजे हैं।
भारत ने क्या-क्या भेजा?
एनडीआरएफ की खोज और बचाव के काम में एक्सपर्ट टीमें भारत से तुर्किए भेजी गई हैं। उनके साथ उपकरण, वाहन और डॉग स्क्वॉड और 100 से अधिक सैन्यकर्मी शामिल हैं। इन टीमों के पास भूकंप प्रभावित इलाकों में लोगों का पता लगाने, उनको निकालने के लिए विशेष उपकरण भेजे गए हैं। जो मलबे में बचाव अभियान (सीएसएसआर) के संचालन में सक्षम हैं।
राहत सामाग्रियों में बिजली के उपकरण, लाइटिंग इक्विपमेंट, एयर-लिफ्टिंग बैग, चेनसॉ, एंगल कटर, रोटरी रेस्क्यू सॉ आदि शामिल हैं। इसके अलावा खास तौर पर बचाव मिशन के लिए प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड भी भेजा गया है।
30 बेड का फील्ड हॉस्पिटल
फील्ड ऑपरेशन में 30 बिस्तरों वाली चिकित्सा सुविधा स्थापित करने के लिए उपकरण और 99 कर्मी। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल हैं। चिकित्सा उपकरणों में एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, ऑपरेशन-थियेटर, वाहन, एंबुलेंस, जनरेटर आदि शामिल हैं।
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