Biden Putin Talks: अमेरिका की रूस को कड़ी चेतावनी, अगर यूक्रेन पर हमला किया, तो लगा देंगे प्रतिबंध

Last Updated 08 Dec 2021 01:00:31 PM IST

अमेरिका और रूस के राष्ट्रपतियों ने एक ऑनलाइन बैठक की है। इस बैठक में यूक्रेन को लेकर चर्चा हुई। अमेरिका ने रूस से कहा है कि अगर वो इस देश पर हमला करेगा, तो उसके खिलाफ प्रतिबंध लग सकते हैं।


वहीं, पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार युरी उशाकोव के अनुसार रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिका से कहा, ‘‘रूसी सैनिक अपने क्षेत्र में हैं और वे किसी को धमकाते नहीं हैं।’’ यूक्रेन के सवाल पर तनाव कम करने की अभी कोई गुंजाइश नहीं दिखायी दी और अमेरिका ने कूटनीति और तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया तथा रूस को आक्रमण के गंभीर परिणाम भुगतने की कड़ी चेतावनियां दी।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने दोनों नेताओं की बातचीत के बाद कहा कि बाइडन ने ‘‘राष्ट्रपति पुतिन को साफ तौर पर कहा कि अगर रूस, यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो अमेरिका और हमारे यूरोपीय सहयोगी देश सख्त आर्थिक पाबंदियों के साथ प्रतिक्रिया करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि बाइडन ने कहा कि तनाव बढ़ने की स्थिति में अमेरिका ‘‘यूक्रेन को अतिरिक्त रक्षात्मक सामान मुहैया कराएगा और हम पूर्वी सीमा पर अपने नाटो सहयोगियों को अतिरिक्त क्षमताओं के साथ मजबूत करेंगे।’’

व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बाइडन यूक्रेन की रक्षा करने के लिए अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने के इच्छुक नहीं हैं। लेकिन सुलिवन ने कहा कि क्षेत्रीय सहयोगियों को मजबूत करने के संभावित प्रयासों के तौर पर पूर्वी यूरोपीय नाटो सहयोगी देशों में अमेरिकी सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती की जा सकती है।

अमेरिका की एक शीर्ष दूत विक्टोरिया नुलैंड ने कहा कि यूक्रेन पर हमला करने से रूस और जर्मनी के बीच एक विवादित पाइपलाइन भी खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने मंगलवार को सीनेट की विदेश संबंधों की समिति को बताया कि अगर रूस हमला करता है तो ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि पाइपलाइन निलंबित कर दी जाएगी।’’

युरी उशाकोव ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान प्रतिबंध की चेतावनियों को खारिज किया। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति ने संभावित प्रतिबंधों के बारे में बात की है लेकिन हमारे राष्ट्रपति ने जोर दिया कि रूस की क्या आवश्यकता है। प्रतिबंध कोई नयी बात नहीं है, वे लंबे समय से लगे हुए हैं और उनका कोई असर नहीं पड़ेगा।’’

उन्होंने राष्ट्रपतियों के वीडियो कांफ्रेंस को ‘‘स्पष्ट और व्यावसायिक उद्देश्यों’’ वाला बताया और कहा कि दोनों नेताओं ने कई मौकों पर एक-दूसरे के साथ मजाकिया अंदाज में भी बातचीत की।

उशाकोव ने बताया कि दोनों नेताओं ने पर्ल हार्बर पर जापान के हमले की 80वीं बरसी पर मुलाकात की। इस हमले के बाद ही अमेरिका द्वितीय विश्वयुद्ध में कूदा था। इस बैठक से कुछ घंटों पहले बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन हमले की बरसी पर वाशिंगटन में एक युद्ध स्मारक पर गए।

व्हाइट हाउस में सुलिवन ने कहा, ‘‘यह एक उपयोगी बैठक थी।’’

गौरतलब है कि रूस ने यूक्रेन सीमा के समीप हजारों सैनिक तैनात किए हैं। यूक्रेन के अधिकारियों ने रूस पर युद्धग्रस्त पूर्वी यूक्रेन में टैंक और स्नाइपर भेजकर संकट और बढ़ाने का आरोप लगाया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के उनके समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार को दो घंटे तक वीडियो कॉल के जरिए हुई बातचीत में अमेरिका ने मॉस्को को स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर उसने यूक्रेन पर आक्रमण किया तो उसपर प्रतिबंध लगाए जाएंगे और रूसी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचेगा।

अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने स्वतंत्र रूप से इन आरोपों की पुष्टि नहीं की है लेकिन एक अधिकारी ने बताया कि व्हाइट हाउस ने आक्रमण की आशंका को लेकर रूस के समक्ष अपनी चिंताएं व्यक्त की है।

क्रेमलिन ने कहा, ‘‘पुतिन ने इस पर जोर दिया कि रूस पर जिम्मेदारी तय करना गलत है क्योंकि नाटो यूक्रेन सीमा पर अपनी मौजूदगी बढ़ाने की खतरनाक कोशिशें कर रहा है और रूसी सीमा के समीप अपनी सैन्य क्षमता का विस्तार कर रहा है।’’

अन्य विषयों के संबंध में पुतिन ने राजनयिक मिशनों पर सभी परस्पर प्रतिबंधों को हटाने का प्रस्ताव दिया। सुलिवन ने कहा कि दोनों नेता अपने कर्मचारियों को इस पर बातचीत जारी रखने के निर्देश देंगे।

बाइडन ने व्हाइट हाउस के स्थिति कक्ष से और पुतिन ने सोची में अपने आवास से बातचीत की, जो बाइडन के कार्यकाल की महत्वपूर्ण बैठकों में से एक है। यह ऐसे वक्त हुई है जब अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने बताया कि रूस ने यूक्रेन सीमा के समीप 70,000 से अधिक सैनिक भेजे हैं और उसने अगले साल की शुरुआत में संभावित हमले की तैयारियां कर ली है।

सुलिवन ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करने का अंतिम फैसला नहीं किया है। बाइडन 2014 में उपराष्ट्रपति थे जब रूसी सेना ने क्रीमिया पर चढ़ाई की थी और यूक्रेन से यह क्षेत्र अपने कब्जे में ले लिया था।

सुलिवन ने कहा कि बाइडन और पुतिन ने ‘‘ईरान मुद्दे पर सार्थक बातचीत’’ की और इसे ऐसा क्षेत्र बताया जिस पर दोनों देश सहयोग कर सकते हैं।

भाषा


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