कार्बन उत्सर्जन से निपटने को जी 20 नेताओं ने किया वादा, हर कीमत पर बचाएंगे धरती
इटली की राजधानी में आयोजित जी-20 समूह के सम्मेलन में सदस्य देशों के नेताओं ने घोषणापत्र जारी करके हर कीमत पर धरती बचाने का संकल्प लिया।
![]() स्कॉटलैंड के ग्लासगो में सीओपी 26 समिट के अध्यक्ष आलोक शर्मा यूएनजीए प्रेसिडेंट अब्दुल्ला शाहिद से हाथ मिलाते हुए। |
भारत समेत जी20 देशों ने 2030 तक जैव विविधता ह्रास को रोकने और क्षतिपूर्ति की कार्रवाइयों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। इसके अनुसार ये देश जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए तथा ग्लासगो में हो रहे सीओपी26 सम्मेलन को सफल बनाने के लिए काम करने को प्रतिबद्ध हैं।
इससे पूर्व जी20 नेताओं के अंतिम वक्तव्य के मुताबिक वे कोयला चालित ताप विद्युत संयंत्रों के लिए सार्वजनिक वित्त पोषण खत्म करने को सहमत हुए, लेकिन घरेलू स्तर पर कोयले का उपभोग चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया, जो शीर्ष कार्बन उत्सर्जकों चीन और भारत के लिए एक स्पष्ट सहमति है।
जी20 देश, विश्व के ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के करीब तीन-चौथाई हिस्से के लिए जिम्मेदार हैं। वे बढ़ते तापमान के प्रभावों से निपटने में गरीब देशों की मदद करते हुए उत्सर्जन घटाने के उपायों पर ठोस प्रतिबद्धता के लिए साझा आधार तलाश रहे हैं।
इसके बिना ग्लासगो में व्यापक वाषिर्क वार्ता की गति थम सकती है, जिसकी आधिकारिक शुरुआत रविवार को हुई और वहां वि भर के देशों का प्रतिनिधित्व रहेगा जिनमें समुद्र जल के बढ़ते स्तर, मरूस्थलीकरण व अन्य प्रभावों का सामना कर रहे गरीब देश भी शामिल हैं।
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