ग्लोबल ग्रीनिंग में चीन और भारत का योगदान सबसे ज्यादा!

Last Updated 02 Dec 2020 01:30:44 AM IST

अमेरिका के नासा की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 20 साल पहले की तुलना में वैश्विक हरियाली में काफी सुधार नजर आया है, जिसमें चीन और भारत ने सबसे अधिक योगदान दिया है।


ग्लोबल ग्रीनिंग में चीन और भारत का योगदान सबसे ज्यादा!

नासा के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2000 से 2017 तक वैश्विक हरित क्षेत्र में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो एक अमेजॉन वर्षावन के क्षेत्र के बराबर है। चीन और भारत ने इसमें प्रमुख योगदान दिया है। शोधकतार्ओं का कहना है कि चीन और भारत वैश्विक भूमि का केवल 9 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन वैश्विक हरित क्षेत्र के विकास में इनका योगदान एक तिहाई के बराबर है। इसका कारण है वनीकरण और कृषि गहनता। शोधकर्ताओं के अनुसार चीन और भारत के प्रयासों के जरिये दोनों देशों के कृषि योग्य भूमि के क्षेत्र में भारी बदलाव न होने की स्थिति में खाद्य उत्पादन और हरित क्षेत्रों दोनों में काफी वृद्धि हुई है। वर्ष 2000 के बाद से, दोनों देशों में अनाज, सब्जियों और फलों के उत्पादन में 35 प्रतिशत से 40 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है।



अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2013 से 2017 तक, वायु प्रदूषण का मुकाबला करने में चीन ने उल्लेखनीय प्रगति हासिल की, जबकि अमेरिका को वही कार्य पूरा करने में दशकों लग गए। उधर संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने पारिस्थितिक पर्यावरण में सुधार करने के चीन के कार्यों की खूब प्रशंसा की। चीन के पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, केवल वर्ष 2017 में ही चीन में किये गये वनीकरण क्षेत्र दो ताइवान द्वीप के बराबर है। जो वैश्विक पर्यावरण संरक्षण में चीन के योगदान को दर्शाता है।

उधर बीबीसी के अनुसार, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पॉल पामर सहित कुछ अंतरराष्ट्रीय शोधकतार्ओं द्वारा 'नेचर' में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र सर्वेक्षण और उपग्रह टिप्पणियों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि चीन के दक्षिण पश्चिम और पूर्वोत्तर में नए जंगलों द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण के पैमाने को कम कर आंका गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दो क्षेत्रों की कार्बन सिंक चीन के समग्र स्थलीय कार्बन सिंक का 35 प्रतिशत से थोड़ा अधिक हिस्सा है। अध्ययन के अनुसार, पिछले 10 से 15 वर्षों में चीन के वन क्षेत्र में प्रति वर्ष 40 हजार से 4.4 लाख हेक्टेयर तक की वृद्धि हुई है। वर्तमान में चीन का कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन दुनिया में लगभग 28 प्रतिशत भाग होता है। लेकिन चीन ने वर्ष 2060 तक कार्बन न्युट्रल का लक्ष्य हासिल करने की घोषणा की।

नासा के पृथ्वी उपग्रह के डेटा के अनुसार चीन और भारत में वनीकरण और कृषि गतिविधियों ने पृथ्वी की हरित प्रक्रिया का नेतृत्व किया है। उपग्रह तस्वीरों में चीन और भारत के हरित क्षेत्र बहुत स्पष्ट दिखते हैं। इसके अतिरिक्त, चीन की कम कार्बन उत्सर्जन की प्रतिबद्धता से दूसरे देशों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अमेरिका, भारत और रूस भी अपने कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के लक्ष्यों की फिर से जांच करेंगे। यह दुनिया भर में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा।

आईएएनएस
बीजिंग


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment