चीन के खिलाफ उतरे 300 मानवाधिकार संगठन
ह्यूमन राइट्स वाच, एमनेस्टी इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सर्विस फार ह्यूमन राइट्स समेत 300 से अधिक नागरिक संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र से चीन सरकार द्वारा किए जा रहे मानवाधिकार उल्लंघनों पर विचार करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय निगरानी निकाय स्थापित करने की अपील की है।
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बुधवार को प्रकाशित एक खुले पत्र में इन संगठनों ने कहा है कि वे सेंसरशिप, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले विकास एवं अधिकारों के पक्ष में आवाज उठाने वालों को निशाना बनाने के जरिए हांगकांग, तिब्बत एवं झिनजियांग तथा अन्य स्थानों पर हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों की व्यापक जांच और समुचित प्रतिक्रिया की मांग कर रहे हैं।
चीन के मानवाधिकार उल्लंघनों पर ध्यान देने के लिए ‘स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय प्रणाली’ गठित करने की यह मांग ऐसे समय उठी है जब उस पर हांगकांग में प्रदर्शन जैसे मुद्दों से निपटने के तौर तरीकों, उइगर मुसलमानों के लिए हिरासत केंद्र और पश्चिम झिनजियांग में अन्य मुद्दों लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव है। हालांकि चीन इन हिरासत केंद्रों को व्यावसायिक या प्रशिक्षण केंद्र बताता है।
चाइनीज ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स के निदेशक रेनी शिया ने कहा, चीन ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार अभियानों में सहयोग पहुंचाने से नाराज होकर ऐसा करने वालों पर सुनियोजित तरीके से अत्याचार किया।
उनका उत्पीड़न किया गया, वे गायब कर दिये गये, जेल में डाल दिये गये और वकीलों के लाइसेंस छीन लिये गये। उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र प्रणाली को ऐसे बर्ताव को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। यह मांग ऐसे वक्त में उठी है जब संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र विशेषज्ञों ने चीन के मानवाधिकार रिकार्ड के मुद्दों पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
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