चीन ने वायरस से निपटने को सेना उतारी
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने की मुश्किल जिम्मेदारी सेना को उठाने का बुधवार को आदेश दिया।
चीन ने वायरस से निपटने को सेना उतारी |
इस महामारी से 132 लोगों की मौत हो गई है और इस वायरस से करीब 6,000 संक्रमित भी हुए हैं तथा यह 17 देशों में फैल गया है। इस बीच, कई वैश्विक एयरलाइनों ने चीन के विभिन्न शहरों के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं। चीन में इस वायरस से छह विदेशी भी संक्रमित हुए हैं। जर्मनी में चार मामलों की पुष्टि हुई है। इस तरह, फ्रांस के बाद यह दूसरा यूरोपीय देश हो गया है।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रमुख राष्ट्रपति शी ने सेना से अपने उद्देश्य को दृढता से मन में रखने और कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जीतने में योगदान देने की मुश्किल जिम्मेदारी उठाने को कहा है। वहीं, पीएलए ने हुबई प्रांत की राजधानी वुहान में अपने हजारों मेडिकल कर्मियों को इस वायरस से संक्रमित लोगों को बचाने के कार्य में लगाया है, ताकि चिकित्सकों की मदद की जा सके। यह शहर इस वायरस से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है।
फ्रैंकफर्ट में लुफ्थांसा एयरलाइन ने बुधवार को कहा कि वह नौ फरवरी तक चीन के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर रहा है। एयर फ्रांस ने वुहान के लिए अपनी उड़ान 24 जनवरी को रद्द कर दी। कोरोना वायरस का मामला पिछले साल दिसंबर में सबसे पहले वुहान में सामने आया था। इस वायरस से 132 लोगाों की मौत हो चुकी है और यह कम से कम 17 देशों में फैल गया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायरस संक्रमण अगले 10 दिन में चरम पर पहुंच जाएगा जिसके परिणाम स्वरूप बड़ी संख्या में लोगों की मौत होगी। चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि वायरस संक्रमण के 5,974 मामलों की पुष्टि हो गई और वायरस की वजह से होने वाले निमोनिया के 31 नए मामले मंगलवार तक सामने आए थे। समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने बताया, कोरोना वायरस से पीड़ितों लोगों में से 1,239 की हालत गंभीर है और चीन में इसके 9,239 संभावित मामले सामने आए हैं। कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं। इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है लेकिन ‘सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (सार्स) ऐसा कोरोनावायरस है जिसके प्रकोप से 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी।
विदेशियों की सुरक्षा का आश्वासन : चीन ने कोरोनावायरस की महामारी से सभी विदेशी नागरिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। चीन के विदेशमंत्री वांग यी ने दक्षिण कोरिय के विदेशमंत्री कांग क्यूंग वहा से बुधवार को बात की और उन्हें सभी विदेशी नागरिकों की सुरक्षा करने का आश्वासन दिया। चीन के विदेश मांलय ने एक बयान में कहा, वांग यी ने इस बीमारी से लड़ने में मदद की पेशकश करने के लिए दक्षिण कोरिया के अपने समकक्ष को धन्यवाद कहा और इस बात पर जोर दिया कि चीन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ जिम्मेदारी की भावना और खुलेपन के सिद्धांतों का पालन करने के साथ सहयोग को मजबूत करना जारी रखेगा।
यूएई में पहला मामला : संयुक्त अरब अमीरात में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया है। पीड़ित व्यक्ति का परिवार वुहान से है। इसे पश्चिम एशिया का कोरोना वायरस का पहला पुष्ट मामला माना जा रहा है। यूएई के स्वास्थ्य एवं रोकथाम मंत्रालय ने कोरोना वायरस के मामले की घोषणा की है।
ब्रिटेन, फ्रांस, द.कोरिया मदद को तैयार
चीन में दिन-ब-दिन तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने के लिए ब्रिटेन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया ने चिकित्सीय सहायता मुहैया कराने की इच्छा व्यक्त की है। चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। इससे पहले चीन के विदेशमंत्री वांग यी ने दक्षिण कोरिया, फ्रांस और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों से कोरोना वायरस को लेकर फोन पर बातचीत की थी। दक्षिण कोरिया के विदेशमंत्री कांग क्यूंग व्हा ने एक बयान में कहा, परेशानियों के समय पड़ोसी मुल्कों को एक-दूसरे की सहायता और समर्थन करना चाहिए। दक्षिण कोरिया भी चीन की मदद को तैयार है। वह आवश्यक चिकित्सा की आपूर्ति भी करेगा। ब्रिटेन के विदेश सचिव डोमिनिक राब ने भी मदद करने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा, चीन को आवश्यक चिकित्सीय सहायता मुहैया कराने के लिए ब्रिटेन पूरी तरह से तैयार है। फ्रांस के विदेशमंत्री ने जीन यवेस ले ड्रिअन ने कहा कि इस भीषण वायरस को रोकने के लिए चीन द्वारा उठाये कदमों की फ्रांस सरकार ने सराहना की है। यवेस ले ड्रिअन ने कहा, यदि चीन को किसी भी तरह की सहायता की जरूरत होगी तो फ्रांस हर संभव सहायता करने के लिये तैयार है।
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