‘परमाणु धमकी’ के खतरों पर भारत ने चेताया

Last Updated 16 Oct 2019 05:04:30 AM IST

जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दक्षिण एशिया में संभावित परमाणु युद्ध संबंधी बयान के कुछ दिनों बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद को छुपाने के लिए देशों द्वारा ‘परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देने’ के खतरों को लेकर चेताया।


निरस्त्रीकरण सम्मेलन (सीडी) में भारत के स्थाई प्रतिनिधि राजदूत पंकज शर्मा (file photo)

निरस्त्रीकरण सम्मेलन (सीडी) में भारत के स्थाई प्रतिनिधि राजदूत पंकज शर्मा ने कहा कि वैश्विक सुरक्षा हालात लगातार बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति होने के नाते भारत का परमाणु सिद्धांत इन हथियारों का पहले प्रयोग नहीं करना और परमाणु हथियार रहित देशों के खिलाफ इसका इस्तेमाल नहीं करने का है। उन्होंने निरस्त्रीकरण, वैश्विक चुनौतियों और शांति के लिए खतरों से निपटने वाली प्रथम समिति की आम बहस में सोमवार को कहा, वैश्विक सुरक्षा हालात लगातार बदल रहे हैं।

कुछ ऐतिहासिक निरस्त्रीकरण संधियों एवं समझौतों के समाप्त होने और सीमा पार आतंकवाद को छुपाने के लिए देशों द्वारा परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देने से पैदा होने वाले खतरों और परमाणु सीमा के कम होने की चिंता है।

शर्मा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में पहली बार भाषण दिया और 50 मिनट के अपने संबोधन में उन्होंने आधा समय भारत और कश्मीर पर ही बात की। भारत ने इसका कड़ा जवाब देते हुए कहा था कि परमाणु विध्वंस की धमकी अस्थिरता का सूचक है, न कि शासन कला की।

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त को हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान कश्मीर मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है, जबकि भारत का कहना है कि यह भारत का ‘आंतरिक मामला’ है और पाकिस्तान को हकीकत स्वीकार कर लेनी चाहिए। भारत ने साथ ही कहा है कि कश्मीर मामले में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं है।

शर्मा ने कहा कि निरस्त्रीकरण तंत्र उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया, जैसा कि निरस्त्रीकरण सम्मेलन (सीडी) में दो दशकों से अधिक समय से बरकरार गतिरोध और इस साल सत्र आयोजित करने में संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण आयोग की असमर्थता से स्पष्ट है। उन्होंने कहा, हां, वार्ता एवं सहयोग के मूल्यों में हमारे बुनियादी भरोसे के कारण उम्मीद कायम है।

भाषा
संयुक्त राष्ट्र


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment