विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीन के अपने समकक्ष को दो टूक, जम्मू-कश्मीर हमारा अंदरूनी मामला

Last Updated 13 Aug 2019 12:56:52 AM IST

लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने पर चीन की आपत्ति के बीच विदेशमंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग ई से सोमवार को कहा, जम्मू-कश्मीर पर भारत का फैसला देश का ‘आंतरिक’ विषय है।


अपने चीनी समकक्ष वांग ई के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर।

इसका भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं तथा चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के लिए कोई निहितार्थ नहीं है।
जयशंकर ने वांग ई के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान कहा, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि किसी तरह के द्विपक्षीय मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक-दूसरे की ‘मुख्य चिंताओं’ के प्रति आपसी संवेनशीलता पर दोनों देशों के बीच संबंधों का भविष्य निर्भर करेगा। भारत ने यह टिप्पणी चीनी विदेशमंत्री के एक बयान पर की है। दरअसल, वांग ने जम्मू-कश्मीर पर भारतीय संसद द्वारा पारित हालिया अधिनियम से जुड़े घटनाक्रमों पर कहा, चीन कश्मीर को लेकर भारत-पाक तनावों और इसके निहिताथरें की ‘बहुत करीबी’ निगरानी कर रहा है। साथ ही, नई दिल्ली से क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए रचनात्मक भूमिका निभाने का अनुरोध करता है।

विदेश मंत्रालय से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक द्विपक्षीय बैठक के दौरान जयशंकर ने चीन को इस बात से अवगत कराया कि यह भारत के लिए एक ‘आंतरिक’ विषय है। यह भारत के संविधान के एक अस्थाई प्रावधान में बदलावों से जुड़ा मुद्दा है। जयशंकर ने इस बात का जिक्र किया कि विधायी उपायों का उद्देश्य बेहतर शासन एवं सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाना है। इसका भारत की बाहरी सीमाओं या चीन से लगे एलएसी से कोई लेना-देना नहीं है। विज्ञप्ति में कहा गया है, भारत कोई अतिरिक्त क्षेत्रीय दावे नहीं कर रहा है। इस तरह इस बारे में चीन की चिंताएं सही नहीं हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि जहां तक भारत-चीन सीमा विवाद का सवाल है, दोनों पक्ष एक निष्पक्ष और न्यायसंगत परस्पर स्वीकार्य समझौते के लिए राजी हुए हैं।
विदेशमंत्री बनने के बाद चीन की अपनी प्रथम यात्रा के दौरान एस जयशंकर ने शीर्ष चीनी नेताओं के साथ खुल कर वार्ता की। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द किये जाने को लेकर भारत और पाकिस्तान के संबंधों में आए तनाव के बीच जयशंकर चीन की तीन दिनों की यात्रा पर हैं।
जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटे जाने पर चीन की चिंताओं के संदर्भ में द्विपक्षीय संबंधों पर उन्होंने चीनी उपराष्ट्रपति वांग किशान के साथ खुल कर चर्चा की। वांग ने जयशंकर का स्वागत करते हुए भारत-पाक तनावों का जिक्र किया लेकिन अनुच्छेद 370 का सीधा उल्लेख नहीं किया। उन्होंने कहा, शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के पंचशील सिद्धांत के आधार पर हम परस्पर लाभकारी सहयोग कर सकते हैं।

 

भाषा
पेइचिंग


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment