इंडोनेशिया में आई भयंकर सुनामी से मरने वालों की संख्या 281 हुई

Last Updated 24 Dec 2018 10:13:14 AM IST

इंडोनेशिया के पश्चिमी जावा और सुमात्रा द्वीप के मध्य सुंड़ा जल संधि क्षेत्र में शनिवार रात भयंकर सुनामी के कारण कम से कम 281 लोगों की मौत हो गई है और 1016 से अधिक लोग घायल हैं।


(फाइल फोटो)

इस आपदा में 611 मकान नष्ट हो गए और 69 होटल, 60 दुकानें और 420 नौकाएं तबाह हो गई हैं।

इंडोनेशिया अभी भूकंप की त्रासदी से उबर भी नहीं पाया था कि दो दिन पहले आई सुनामी ने देश को एक और झटका दे दिया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक सुनामी रात नौ बजकर 27 मिनट पर आई और इसकी चपेट में आकर सुंड़ा क्षेत्र के अलावा बांटेन प्रांत के पांडेंगलांग और सेरांग जिले आ गए। लांपुंग प्रांत का लांपुंग जिला भी सुनामी की चपेट में आया है।

इसका कारण अनाक कराकाटु ज्वालामुखी में हुए जोरदार विस्फोट के बाद समुद्र तल की चट्टानों के खिसकने के बाद पानी में मची हलचल मानी जा रही है जिसने बाद में जानलेवा सुनामी का रूप ले लिया। बताया जा रहा है कि पानी की लहरें लगभग 20 मीटर ऊंची थी।

इंडोनेशिया के पांडेंगलांग जिले के आपातकालीन सेवा विभाग के प्रमुख एनडेंग पेरमाना ने बताया कि सुनामी की लहरें जिले में काफी ऊंची थी जिसके कारण 17 लोगों की मौत हो गयी और बड़ी संख्या में लोग लापता हो गए। घायलों में 40 की हालत गंभीर बनी हुई है।     

पेरमाना ने बताया कि तटीय क्षेत्र पर एक कार्यक्रम देख रहे कई लोग सुनामी की लहरों में बह गए।

लामपुंग सेलातन जिले के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख केतुत सुकेर्ता ने बताया कि क्षतिग्रस्त इमारतों के मलबे के नीचे लापता लोगों की तलाश की जा रही है। 

सुनामी से गंभीर रूप से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में तंजुंग लेसुंग बीच, सुमुर बीच, तेलुक लाडा बीच, पनिमबंग बीच और कैरिता बीच हैं। ये सभी क्षेत्र पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।

अनाक ज्वालामुखी पिछले कुछ महीनों के दौरान काफी सक्रिय हुआ है। गत शुक्रवार को ज्वालामुखी से दो मिनट और 12 सेकेंड तक लावा निकला था। ज्वालामुखी से निकले लावे की राख 400 मीटर ऊंचाई तक गई थी।

इसके बाद समुद्र में चट्टानों के खिसकने के कारण पानी में जोरदार हलचल मच गई थी। शनिवार को पूर्णिमा होने के कारण भी सुनामी की लहरें काफी ऊंची थीं।

इससे पहले सितंबर महीने में इंडोनेशिया में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण दो हजार से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी।

गौरतलब है कि 26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण आई सुनामी से इंडोनेशिया समेत कुल 14 देशों में भारी तबाही हुई थी, जिसमें 228,000 लोगों की मौत हुई थी।

 

वार्ता
जकार्ता


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