तालिबान से वार्ता नहीं, उसका खात्मा करेंगे : ट्रंप

Last Updated 30 Jan 2018 05:09:19 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान को समाप्त करने की बचनबद्धता पर जोर देते हुए उसके साथ किसी तरह की वार्ता की संभावना से इनकार किया है.


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों को बताया, "तालिबान निर्दोष लोगों को मार रहा है. बच्चों पर बमबारी की जा रही है, परिवारों पर बमबारी की जा रही है, पूरे अफगानिस्तान में बमबारी की जा रही है."

उन्होंने कहा, "इसलिए तालिबान से कोई बातचीत नहीं होगी. हम तालिबान से बात नहीं करना चाहते. जो काम हमें करना है, हम उसे पूरा करने जा रहे हैं. जिस काम को कोई नहीं पूरा कर पाया, हम उसे पूरा करने जा रहे हैं."

काबुल में तालिबान द्वारा हाल ही में किए गए हमलों में कम से कम 125 लोगों की मौत हो चुकी है, जो ट्रंप प्रशासन के लिए एक सीधी चुनौती है.

ट्रंप ने 16 जनवरी को कहा था कि अमेरिकी फौजों ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) और तालिबान पर जबरदस्त कहर बरपाया है और उन्होंने अगस्त 2017 में जिस दक्षिण एशिया नीति का ऐलान किया था, वह बहुत तेजी से काम कर रही है.

तालिबान आतंकवादियों ने काबुल में 21 से 22 जनवरी के दौरान इंटरकॉन्टिनेंटल होटल पर हमला किया था, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 14 विदेशी भी शामिल थे.

तालिबान ने शनिवार को विस्फोटकों से भरे एक एंबुलेंस में विस्फोट कर दिया था, जिसमें 103 लोगों की मौत हो गई थी और 235 अन्य घायल हो गए थे.

इस दौरान, आईएस द्वारा जलालाबाद में बुधवार को ब्रिटिश गैर सरकारी संगठन 'सेव द चिल्ड्रन' के मुख्यालय पर किए गए हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी. आईएस आतंकवादियों ने सोमवार को काबुल में एक सैन्यअड्डे पर हमला किया, जिसमें 11 जवान मारे गए थे.

ट्रंप के सोमवार के बयान से तालिबान के साथ वार्ता पर अमेरिका के रुख को लेकर अस्पष्टता समाप्त हो गई. उदाहरण के लिए विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने बीते अगस्त में कहा था कि अमेरिका बिना किसी पूर्वशर्त के अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता में सहयोग करेगा.



हालांकि, ट्रंप ने भविष्य में विभिन्न परिस्थितियों में वार्ता की संभावनाओं का स्वागत किया है.

उन्होंने सुरक्षा परिषद के सदस्यों को बताया, "ऐसा समय आ सकता है, लेकिन अभी लंबा समय है. फिलहाल हम वार्ता के मूड में नहीं हैं."

ट्रंप ने पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाकर तालिबान के साथ संघर्ष का स्तर बढ़ा दिया है. अमेरिका ने पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों की मदद करने का आरोप लगाया है. अमेरिका ने ऐलान किया था कि पाकिस्तान जब तक तालिबान का समर्थन करना जारी रखेगा, उसे दी जाने वाली एक अरब डॉलर से अधिक की राशि पर रोक जारी रहेगी.

आईएएनएस


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