येरूशलम पर ट्रंप को झटका, भारत समेत 128 देशों ने किया अमेरिका के खिलाफ वोट
भारत सहित 120 देशों ने यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के अमेरिका के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया है.
येरूशलम मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लेकर न्यूयार्क स्थित इसके मुख्यालय में बुलाए गए आपातकालीन विशेष सत्र में बृहस्पतिवार को सदस्य राष्ट्रों ने प्रस्ताव पर वोटिंग की. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यरूशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्य |
संयुक्त राष्ट्र महासभा में बृहस्पतिवार को पारित हुए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि यरुशलम की स्थिति को लेकर लिया गया कोई भी निर्णय अमान्य होगा और उसे रद्द किया जाना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के इस गैर बाध्यकारी प्रस्ताव के समर्थन में 128 देशों ने मतदान किया जबकि 35 देशों ने खुद को मतदान से अलग रखा. नौ देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया तथा 21 देश अनुपस्थित रहे. भारत ने भी इस प्रस्ताव के समर्थन में यानी अमेरिकी फैसले के खिलाफ मतदान किया है.
सात देशों होंडुरास, ग्वाटेमाला, द मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, नॉरू, पलाऊ और टोगो ने अमेरिका और इस्राइल का साथ देते हुए प्रस्ताव के विरुद्ध वोट किया. अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, हंगरी, लातविया, मेक्सिको, फिलीपींस, रोमानिया और रवांडा सहित 35 देशों ने खुद को मतदान से अलग रखा. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करने वाले देशों को आर्थिक मदद रोक देने की धमकी दी थी. अरब और अन्य मुस्लिम देशों के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र का आपात सत्र बुलाया गया है.
ट्रंप ने हाल ही में यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता दी है. उन्होंने अमेरिकी विदेश विभाग को दूतावास को तेल अवीव से यरुशलम लाने के निर्देश दिए हैं. यह प्रस्ताव पारित होने के बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा, अमेरिका इस दिन को याद रखेगा. उन्होंने कहा, अमेरिका यरुशलम में अपना दूतावास स्थापित करेगा. अमेरिकी लोग चाहते हैं कि हम ऐसा ही करें और यही करना सही भी है. संयुक्त राष्ट्र में किया गया कोई मतदान हमारे इस निर्णय में बदलाव नहीं ला सकता.
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