ट्रंप ने उ कोरिया को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी

Last Updated 11 Aug 2017 02:55:30 AM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया को चेतावनी देते हुए आज कहा कि अगर वह अमेरिका के साथ कुछ करता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (file photo)

श्री  ट्रंप ने कहा कि उत्तर कोरिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो वह ऐसी परेशानी में होगा जैसी बहुत कम ही राष्ट्रों ने देखी है. उत्तर कोरिया के जुलाई में अंतर महाद्वीपीय मिसाइलों के दो परीक्षणों के बाद से अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि चीन उत्तर कोरिया के मुद्दे पर बहुत कुछ कर सकता है.

यह पूछने पर कि क्या अमेरिका उत्तर कोरिया पर पहले परमाणु हमले कर सकता है तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा,हम इस बारे में बात नहीं करते हैं, हमने कभी ये बात नहीं की है. मैं आपको बताता हूं, यदि उत्तर कोरिया हम पर, हमारे किसी मिा देश पर, हमारा प्रतिनिधित्व करने वालों पर या किसी सहयोगी पर हमला करने के बारे में सोचता भी है तो उसे बहुत-बहुत घबराना चाहिए क्योंकि उसका वो अंजाम होगा जो उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा.  

श्री ट्रंप ने कहा अगर उत्तर कोरिया अपनी हरकतों से बाज आ जाए नहीं तो वह ऐसी परेशानी में होगा जैसी बहुत कम ही देशों ने अब तक झेली है. उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की वजह से संयुक्त राष्ट्र ने भी उस पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर कोरिया को लेकर उनके बयान बहुता्यादा सख्त नहीं हैं.

इस बीच उत्तर कोरिया का कहना है कि वह अगस्त के मध्य तक प्रशासनिक रूप से अमेरिका के अधीन प्रशांत महासागर के पश्चिमी भाग में स्थित ग्वाम द्वीप पर मिसाइल हमले कर सकता है.

अमेरिका-नॉर्थ कोरिया तनाव और परमाणु युद्ध का संकट गहराया

अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच जुबानी जंग पूरे शबाब पर है, दोनों देश के शीर्ष नेता एक दुसरे को भयंकर परिणाम भुगतने की या दूसरे शब्दों में कहें तो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की तरफ इशारा करते नजर आ रहे हैं. हालात तो यहाँ तक पहुँच चुके हैं कि अमेरिकी युद्धपोत और पनडुब्बियां उत्तर कोरिया पहुंच मोर्चा तक संभाल चुकी हैं तो वहीं उत्तर कोरिया भी युद्ध की पूरी तैयारी में है और अब तक का अपना सबसे बड़ा फायर अभ्यास कर चुका है. कुल मिलाकर अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच इस वक़्त तनाव चरम पर है. हालाँकि, उत्तर कोरिया को लेकर अमेरिका की तरफ से हो रही बयानबाजी पर रूस और चीन दोनों ने चेतावनी दी है कि किसी भी गलत कदम का भयानक परिणाम हो सकता है.

तीसरा विश्व युद्ध दोनो देश युद्ध की तैयारियां कर रहे हैंविश्व की महाशक्तियां जिस तरह एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रही हैं, उससे पूरे विश्व पर एक युद्ध का संकट मंडरा रहा है. युद्ध की सम्भावना को इसलिए भी नहीं नकारा जा सकता क्योंकि अमेरिका और नॉर्थ कोरिया दोनों के ही शासक अपने कड़े फैसलों के लिए जाने जाते हैं, हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ISIS के खात्मे के लिए अफ़ग़ानिस्तान में सबसे बड़े नॉन न्यूक्लियर बम से हमला कर दिया था, तो दूसरी तरफ नॉर्थ कोरिआई तानाशाह भी तमाम प्रतिबंधों के बावजूद अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों को और आक्रामक तरीके से चला रहा है. अब ऐसे हालात में अगर इन दो देशों में युद्ध होता है तो विश्व के कई देश भी इस युद्ध में शामिल हो सकते हैं, और इन युद्धों में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से भी इंकार नहीं किया जा सकता. और अगर वर्तमान में विश्व भर में फैले परमाणु हथियारों पर गौर करें तो यह संख्या ही पूरे विश्व के कई देशों के खात्मे के लिए काफी है..

विश्व के कुल 9 देशों के पास इस वक़्त परमाणु हथियार हैं, इन नौ देशों में कुल मिला कर लगभग 15400 परमाणु हथियार हैं. इन देशों में अमेरिका (4571), रूस (4500), फ्रांस (300), चीन(260), यूके (175), पाकिस्तान(140), भारत (110), इजराइल (80) और नॉर्थ कोरिया हैं.

तीसरा विश्व युद्धकोई भी दो देश अगर युद्ध में कूदे तो बाकी भी उसका हिस्सा बन सकते हैंकितने खतरनाक हो सकते हैं परमाणु हथियार... अंग्रेजी मीडिया के एक रिसर्च के अनुसार अमेरिका और रूस के परमाणु हथियारों की कुल शक्ति 6,600 मेगाटन की है, यह धरती पर सूरज से एक मिनट में मिलने वाली कुल ऊर्जा का दसवें हिस्से के बराबर है. और अगर बात करें अमेरिका के सबसे शक्तिशाली परमाणु हथियार B-83 की, तो यह अकेले ही पहले 24 घंटे में 14 लाख लोगों को मारने में सक्षम है, साथ ही साथ इससे निकलने वाले रेडिएशन से 13 किलोमीटर के दायरे में 37 लाख लोगों को घायल होने का भी अनुमान है. वहीं अगर रूस के सबसे बड़े परमाणु हथियार 'तसार बोम्बा'  की शक्ति पर गौर करें तो यह लगभग 42 लाख लोगों को मौत की नींद सुलाने जबकि 76 लाख लोगों को घायल करने में सक्षम है, और इसका रेडिएशन 7880 किलोमीटर के दायरे तक फ़ैल सकता है, जो लाखों और लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है.

एजेंसियां/रायटर


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