जम्मू कश्मीर का कश्मीरियों के मुताबिक हल करना चाहिए : पाक

Last Updated 23 Mar 2017 02:51:24 PM IST

पाकिस्तान ने गुरुवार को जम्मू कश्मीर के मुद्दे का \'कश्मीरियों की आकांक्षाओं\' के मुताबिक हल करने की बात कहते हुए कहा कि इसे दबाया जा सकता है लेकिन कुचला नहीं जा सकता है.




भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित (फाईल फोटो)

भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने पाकिस्तान दिवस पर उच्चायोग में अपने संबोधन में कहा कि इस्लामाबाद नई दिल्ली के साथ अच्छे और शांतिपूर्ण ताल्लुकात चाहता है और उसकी इच्छा तमाम मुद्दों को हल करने की है.
    
उन्होंने कहा, \'\'हमारी नीति शांति को बढ़ावा देने की है खासतौर पर एशिया में, जहां हमने अपने सभी पड़ोसियों के साथ बेहतर ताल्लुकात बनाने की कोशिश की है. ये रिश्ते समान अधिकारों तथा शतरे पर और ईमानदारी पर आधारित होने चाहिए तथा हमारी कोशिश उसी दिशा में रही है.\'\'
   
बासित ने कहा, \'\'जहां तक जम्मू कश्मीर के मुद्दे का ताल्लुक है, यह कश्मीरियों की आकांक्षाओं के मुताबिक हल होना चाहिए और उम्मीद है कि यह होगा.\'\'
  
उन्होंने कहा, \'\'हमें उम्मीद है कि हम मुद्दे को हल करेंगे लेकिन कश्मीरियों की आकांक्षाओं (उनकी उमंगों) के मुताबिक.\'\'
    
कश्मीर दोनों देशों के बीच एक ऐसा विवाद है जो लंबे अरसे से सुलझ नहीं पाया है और यह दोनों पक्षों के बीच कड़वाहट की वजह है.

बासित ने कहा, \'\'तारीख (इतिहास) गवाह है कि आज़ादी की तहरीक (आंदोलन) हुए हैं, उन्हें वक्ती तौर पर दबाया जा सकता है लेकिन..खत्म नहीं किया जा सकता है.\'\'
    
उच्चायुक्त ने कहा, \'\'मुझे उम्मीद है कि जो जद्दो जेहत कश्मीरी कर रहे हैं वो इंशाल्लाह (अल्लाह ने चाहा तो) कामयाब हो.\'\' लेकिन उन्होंने इसको विस्तार से नहीं कहा.
    
जब बाद में उनसे पूछा गया कि \'आकांक्षा\' से उनका क्या मतलब था तो बासित ने सिर्फ इतना कहा, \'\'जो घाटी के लोग चाहते हैं हमें उसे मानना चाहिए.\'\'
    
पाकिस्तान दिवस या पाकिस्तान संकल्प दिवस पर पाकिस्तान में सार्वजनिक अवकाश होता है. यह 23 मार्च 1940 को पारित हुए लाहौर संकल्प की याद में मनाया जाता है.
    
इस मौके पर उच्चायोग परिसर में आयोजित समारोह में बासित ने उर्दू में अपना संबोधन दिया. 1956 में इस्लामिक गणतंत्र बनने के क्रम में संयोग से इसी दिन इस देश का संविधान आत्मसात किया गया था.


    
बासित ने कहा कि पाकिस्तान ने अपनी स्थापना के वक्त से ही आंतरिक और बाहरी दोनों ओर से बहुत परेशानियों का सामना किया है लेकिन एक राष्ट्र के तौर पर वह साथ बढ़ने को संकल्पित हैं.
    
बासित के भाषण से पहले, पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का पैगाम उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह ने पढ़ा.
    
इस मौके पर आमंत्रित किए गए मेहमानों में पाकिस्तान के महालेखा परीक्षक राणा असद अमीन शामिल थे.

भाषा


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