पाकिस्तान में दिलीप कुमार के मकान को धरोहर घोषित करने के खिलाफ दायर याचिका खारिज

Last Updated 07 Oct 2015 07:30:29 PM IST

पेशावर की एक पाकिस्तानी अदालत ने मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार के पैतृक मकान को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के खिलाफ दायर एक रिट याचिका खारिज कर दिया.


अभिनेता दिलीप कुमार का पैतृक मकान

यह मकान पेशावर के मोहल्ला खुदादाद इलाके में है जहां 92 वर्षीय अभिनेता का जन्म हुआ था और उनका बचपन बीता था. 
     
पेशावर हाईकोर्ट ने मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव को हाजिर होकर यह सफाई देने के लिए सम्मन जारी किया था कि क्या सरकार की अब भी इस मकान का अधिग्रहण करने में दिलचस्पी है.
     
न्यायमूर्ति निसार हुसैन और न्यायमूर्ति रोहुल अमीन की पीठ स्थानीय व्यापारी लाल मुहम्मद की रिट याचिका पर सुनवाई कर रही है. लाल मुहम्मद ने वकील शहनवाज खान के जरिए याचिका दायर की है.
     
प्रांतीय सरकार के संस्कृति विभाग का प्रतिनिधि बुधवार को अदालत में पेश हुआ और उसने कहा कि प्रांतीय अभिलेख विभाग पहले ही मोहल्ला खुदादाद में ऐतिहासिक किस्सा ख्वानी बाजार के पीछे कुमार का मकान कब्जे में ले चुका है और प्रांत सरकार उपयुक्त अधिसूचना जारी की कर चुकी है.

प्रांत सरकार की अधिसूचना में कहा गया है कि किसी को भी इस मकान में कोई तब्दीली करने हक नहीं है और न ही कोई किसी अन्य को उसे बेच सकता.       
     
दलीलें सुनने के पश्चात अदालत ने याचिका निस्तारित कर दी और याचिकाकर्ता को इस संबंध में संबंधित विभाग के पास जाने का निर्देश दिया.
     
याचिकाकर्ता ने अपनी रिट याचिका में दलील दी है कि चौक नसी खान में जो संपत्ति कुमार से संबंधित बतायी जा रही है, वह उनकी है. उनके पिता ने यह संपत्ति खरीदी थी.
     
लाल मुहम्मद ने कहा कि दावा किया जाता है कि कुमार ने इस मकान में अपना बचपन बिताया जो तथ्यों के विपरीत है क्योंकि उनका जन्म 1922 में हुआ और उनके पिता (कुमार के पिता) ने यह संपत्ति 1943 में खरीदी.
     
उनके वकील ने कहा कि इस मकान को कुमार की पैतृक संपत्ति नहीं कहा जा सकता क्योंकि उनके पिता ने खरीदने के तीन दिन के अंदर ही उसे बेच दिया.
     
\"\"याचिकाकर्ता ने अदालत से सरकार को यह निर्देश देने का आग्रह किया कि इस अधिग्रहण को रद्द करे तथा इस संपत्ति को उसे इस्तेमाल, बिक्री, हस्तांतरण, पुनर्निर्माण एवं विकास की अनुमति दे.
     
वर्ष 2012 में कुमार के 89 वें जन्मदिन पर तत्कालीन प्रांत सरकार ने इस मकान के सिलसिले में भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा चार के तहत अधिसूचना जारी की थी.
     
प्रांत सरकार प्रारंभ में इस मकान के लिए याचिकाकर्ता को तीन करोड़ रूपए देने पर सहमत हुई थी लेकिन याचिकाकर्ता के वकील से मिलने के बाद सरकार ने 1.1224 करोड़ की पेशकश जिसे बाद में बढ़ाकर 1.4246 करोड़ रूपए कर दिया गया.
     
वर्ष 1922 में पेशावर में युसूफ खान के रूप में जन्मे 92 वर्षीय अभिनेता भारत और पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय हैं. सालों से उनके पैतृक मकान को संरक्षित की मांग हो रही है.
     
‘ट्रेजेडी किंग’ नाम से चर्चित कुमार को 1998 में पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार निशान-ए-इम्तियाज प्रदान किया गया था.
     
पिछले साल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कुमार के मकान को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक रिश्ते प्रगाढ़ हो सकें.



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