पाक संसद ने संघर्ष विराम उल्लंघन के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया
पाकिस्तान की संसद ने भारत की ओर से कथित तौर पर बगैर किसी उकसावे के और अंधाधुंध तरीके से संघर्ष विराम का उल्लंघन किए जाने के खिलाफ गुरुवार को आम राय से एक प्रस्ताव पारित किया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल फोटो) |
साथ ही सरकार को कश्मीर मुद्दे के हल के लिए संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप करने को कहा.
यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने पेश किया. इसमें कहा गया है कि नेशनल असेंबली ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन की निंदा की है.
13 सितंबर से सीमा पर दोनों ओर से हुई गोलीबारी में 13 पाकिस्तानी नागरिक मारे गए हैं.
सरकार से अपील की गई है कि भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता पर आगे बढ़ने के साथ साथ इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष उठाकर उनसे कश्मीर विवाद के हल में अपनी भूमिका निभाने का अनुरोध करना चाहिए, जो कश्मीरियों की आकांक्षाओं के अनुरूप हो.
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान की सेना सभी प्रकार के हमलों का जवाब देने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि यदि भारत को यह लगता है कि पाकिस्तान के अंदरूनी मुद्दे का वह अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकता है तो वह गलती कर रहा है.
आसिफ ने कहा, ‘‘भारत को शांति के लिये पाकिस्तान की कोशिशों को हमारी कमजोरियां नहीं समझना चाहिए, हम प्रभावी रूप से जवाब दे सकते हैं.’’
उन्होंने कहा कि दोनों ही देश परमाणु हथियार से लैस हैं और उन्हें किसी भी तरह की विपदा से बचना चाहिए.
सदन ने ‘भारत अधिकृत कश्मीर’ में रहने वाले लोगों की दशा पर भी चिंता जताई.
इस बीच, विदेश कार्यालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने आरोप लगाया कि बगैर उकसावे वाली गोलीबारी की आड़ में भारतीय सुरक्षा बल अंतरराष्ट्रीय सीमा के 500 मीटर के अंदर बंकर बनाने के कार्य में लगे हुए हैं.
इन बंकरों का निर्माण नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच 2010 के समझौते का उल्लंघन है.
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान इस निर्माण कार्य की कभी इजाजत नहीं देगा जो द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है.’’
गौरतलब है कि पाकिस्तान की पंजाब प्रांत की विधानसभा ने बुधवार को आमराय से एक प्रस्ताव स्वीकार कर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय हमले की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हालात का जायजा लेने की अपील की थी.
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