सितारों को पार्टियों ने भाड़े का टट्टू बनाय

Last Updated 19 Apr 2009 07:39:33 PM IST


कानपुर। राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार के लिए फिल्मी सितारों का इस्तेमाल किए जाने पर भाजपा नेता और फिल्म अभिनेता शतुघन सिन्हा का मानना है कि देश में राजनीतिक पार्टियां अपने फायदे के लिये कुछ फिल्मी सितारों का इस्तेमाल भाड़े के टट्टू की तरह कर रही हैं और उनसे अपने फायदे के लिये मनचाहे बयान दिलावा रही हैं। सिन्हा ने कहा लेकिन ये दल यह नही समझते कि ये किरायें के फिल्मी सितारें भीड़ तो इकट्ठा कर सकते है लेकिन भीड़ को वोटों में नहीं तब्दील कर सकते। कानपुर में भाजपा के प्रचार के लिये आये फिल्मी अभिनेता और पटना साहिब सीट से भाजपा के उम्मीदवार शत्रुघन ने आज एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि राजनीति में केवल वहीं फिल्मी सितारें सफल साबित होते है जो राजनीति में आने से पहले ट्रेनिंग लेते है और वरिष्ठ पार्टी नेताओं से राजनीति के गुर सीखकर राजनीति को एक जनसेवा के रूप में लेते है लेकिन आज कल उल्टा हो रहा है और राजनीतिक दल भीड़ जुटाने के लिये फिल्मी सितारों का इस्तेमाल कर रहे है और फिल्मी सितारें अपने निजी हितों को साधने के लिये राजनीतिक दलों का इस्तेमाल कर रहे है। सिन्हा ने आरोप लगाया कि राजनीति में आने वाले कुछ फिल्मी सितारों का तो ईमान धर्म ही नही रह गया है। वह सुबह कांग्रेस के लिये प्रचार करते नजर आते है तो शाम को भाजपा के प्रचार में शामिल दिखते है। राजनीतिक दल भी इन्हें पैसा देकर अपने प्रचार में ला रहे और इस गलतफहमी में रहते हैं कि यह जनसभा में आ जायेंगे तो भीड़ जुट जायेंगी और यह भीड़ वोटों में तब्दील हो जायेंगी। सिन्हा ने कहा कि अगर फिल्मी सितारों की भीड़ वोटों में ही तब्दील हो जाती तो सारे फिल्मी सितारें आज राजनेता न बने होते। उन्होंने कहा कि आज जनता इतनी बेवकूफ नहीं है कि वह फिल्मी कलाकारों के हाथ हिलाने या ठुमका लगा देने से उनके प्रत्याशी को वोट दें दे। उनसे जब पूछा गया कि आप भी तो फिल्मी सितारें है तो उन्होंने कहा कि मेरी और सुनील दत्त की बात छोड़िये हम दोनों जनसेवा के लिये राजनीति में आये थें। उन्होंने कहा मैं जब राजनीति में आया था और भाजपा में शामिल हुआ था उस समय भाजपा के देश में केवल दो सांसद हुआ करते थे। उसके बाद मैंने अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी तथा भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं से राजनीति की ए बी सी डी सीखी तब जाकर आज राजनीति में इस स्थान पर पहुंचा हूं कि केन्द्र सरकार में दो दो महत्तवपूर्ण मंत्री पद संभाले और आज अपना चुनाव छोड़ कर पूरे देश में पार्टी के दूसरे प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में लगा हूं। शत्रुघन सिन्हा ने कहा कि इसी तरह सुनील दत्त भी जनसेवा के लिये राजनीति में आयें और मरते दम तक देश के लिये और देश की जनता के लिये काम करते रहें। फिल्म अभिनेता गोविंदा और धर्मेन्द्र को क्रमश: कांग्रेस और भाजपा से साइड लाइन किये जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले तो गोविंदा को और भाजपा धर्मेन्द्र को बड़े जोर शोर से राजनीति में लाई और बाद में इन दोनों फिल्म अभिनेताओं को इनकी पार्टी के ही लोगों ने अनेक आरोप लगाकर साइड लाइन कर दिया। भाजपा नेता सिन्हा ने कहा कि गोविंदा और धर्मेन्द्र दोनों को राजनीति के मैदान में उतारने से पहले ट्रेनिंग दी गयी होती तो आज कांग्रेस और भाजपा को यह दिन न देखने पड़ते और न हीं इन्हें साइड लाइन करना पड़ता। समाजवादी पार्टी की तरफ से फिल्म अभिनेता संजय दत्त द्वारा की जा रही बयान बाजी पर उन्होंने कहा कि मैं किसी भी राजनीतिक दल का नाम नही लेना चाहता लेकिन अगर राजनीतिक दलों ने अपने अभिनेताओं को ट्रेनिंग दी होती तो आज उन्हें इतनी परेशानियों का सामना नही करना पड़ता। उन्होंने कहा कि फिल्मी सितारें राजनीति में जरूर आयें लेकिन जनसेवा की भावना से आयें कुछ पाने या राजनीतिक दलों के हाथों भाड़े के टट्टू बन कर न आयें वरना उनका बहुत बुरा हश्र होगा और चुनाव के बाद उनका कोई नामलेवा नहीं बचेगा।



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