ईर्ष्या

Last Updated 26 Aug 2016 05:45:48 AM IST

ईर्ष्या तुलना है. और हमें तुलना करना सिखाया गया है, हमनें तुलना करना सीख लिया है, हमेशा तुलना करते हैं.


ओशो (फाइल फोटो)

किसी और के पास ज्यादा अच्छा मकान है, किसी और के पास ज्यादा सुंदर शरीर है, किसी और के पास अधिक पैसा है, किसी और के पास करिश्माई व्यक्तित्व है. जो भी तुम्हारे आस-पास से गुजरता है, उससे अपनी तुलना करते रहो, जिसका परिणाम होगा, बहुत अधिक ईर्ष्या की उत्पत्ति; यह ईर्ष्या तुलनात्मक जीवन जीने का बाइ प्रोडक्ट है.

अन्यथा यदि तुम तुलना करना छोड़ देते हो तो ईर्ष्या गायब हो जाती है. तब बस तुम जानते हो कि तुम तुम हो, तुम कुछ और नहीं हो. अच्छा है  तुम अपनी तुलना पेड़ों के साथ नहीं करते हो, अन्यथा तुम ईर्ष्या करना शुरू कर दोगे कि तुम हरे क्यों नहीं हो? तुम्हारे फूल क्यों नहीं हैं? यह अच्छा है कि तुम अपनी तुलना पक्षियों, नदियों, पहाड़ों से नहीं करते हो, अन्यथा तुम्हें दुख भोगना होगा.

तुम सिर्फ  इंसानों के साथ तुलना करते हो, क्योंकि तुमने इंसानों के साथ तुलना करना सीखा है; तुम मोरों और तोतों के साथ तुलना नहीं करते हो. अन्यथा तुम्हारी ईर्ष्या और भी ज्यादा होगी : तुम ईर्ष्या से इतना दबे होओगे कि तुम थोड़ा भी नहीं जी पाओगे. तुलना बहुत ही मूर्खतापूर्ण वृत्ति है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति अनुपम और अतुलनीय है.



एक बार यह समझ तुम में आ जाए, ईर्ष्या गायब हो जाएगी. प्रत्येक अनुपम और अतुलनीय है. तुम सिर्फ  तुम हो : कोई भी कभी भी तुम्हारे जैसा नहीं हुआ, और न ही तुम्हें भी किसी और के जैसा होने की जरूरत है. मैदान में चूजों के एक झुंड के बीच में तारों के ऊपर से एक गेंद आकर गिरी. एक मुर्गा डगमग-डगमग चलता हुआ आया, उसका निरीक्षण किया, तब वह बोला, लड़कियों मैं शिकायत नहीं कर रहा हूं, लेकिन देखो पड़ोस में वे कैसी पैदाइश कर रहे हैं.

अगले दरवाजे पर महान घटनाएं घट रही हैं; घास ज्यादा हरी है, गुलाब ज्यादा खिले हैं. तुम्हारे अलावा सब लोग इतना खुश दिखाई देते हैं. तुम हमेशा तुलना कर रहे हो. और यही दूसरों के साथ भी हो रहा है, वे भी तुलना कर रहे हैं. हो सकता है वे भी सोच रहे हों कि तुम्हारे मैदान की घास ज्यादा हरी है, दूर से यह हमेशा हरी दिखाई देती है कि तुम्हारी पत्नी ज्यादा सुंदर है..,तुम्हें विश्वास नहीं कि तुम इस स्त्री के साथ क्यों फंस गए, तुम नहीं जानते कि इससे कैसे छुटकारा पाया जाए और पड़ोसी तुमसे ईर्ष्या कर रहे हो सकते हैं कि तुम्हारी पत्नी इतनी सुंदर है! और तुम उनसे ईर्ष्या कर रहे हो.

 

 

ओशो
धर्माचार्य


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