नवरात्रि : माँ नवदुर्गा का सातवां रूप हैं देवी कालरात्रि

Last Updated 08 Apr 2022 12:59:05 PM IST

मां दुर्गा जी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है। मां कालरात्रि को यंत्र, मंत्र और तंत्र की देवी कहा जाता है।


मां दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि

इनके शरीर का रंग घने अन्धकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं। ये तीनों नेत्र ब्रह्माण्ड के सद्रश गोल हैं। इनसे विद्युत के समान चमकीली किरणें निःसृत होती रहती हैं।

इनकी नासिका के श्वास–प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएं निकलती रहती हैं। इनका वाहन गर्दभ–गदहा है। ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वरमुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं। दाहिनी तरफ का नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में है। बायीं तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा तथा नीचे वाले हाथ में खड्ग (कटार) है।

मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यन्त भयानक है‚ लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। इसी कारण इनका एक नाम ‘शुभंकरी' भी है। दुर्गा पूजा के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना का विधान है। इस दिन साधक का मन ‘सहस्रार' चक्र में स्थित रहता है। उसके लिए ब्रह्माण्ड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है।
 

समय लाईव डेस्क
नई दिल्ली


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