सभ्यता-संस्कृति से जुड़े लकड़ी के खिलौने

सभ्यता-संस्कृति को जिंदा रखने के लिये अब भी बनते हैं लकड़ी के खिलौने

जालंधर शहर के बाहरी इलाके में स्थित जगराल गांव के एक बजुर्ग दर्शन सिंह लंबे समय से लकड़ी के खिलौना बना रहे हैं. उनका खिलौना प्लास्टिक खिलौनों की तरह नहीं बिकता है. बेटे इसमें उनका कोई साथ नहीं देते हैं. फिर भी उन्हें इस बात का संतोष है कि उन्होंने अपने कला के माध्यम से अपनी सभ्यता और संस्कृति को जिंदा रखा हुआ है.

 
 
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