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- पिंडदानियों के लिए सजधज कर तैयार 'मोक्ष नगरी'
पितृपक्ष में पितरों (पूर्वजों) को मोक्ष दिलाने की कामना के साथ 'मोक्ष नगरी' गया आने वाले पिंडदानियों के लिए सज-धज कर तैयार है। पुरखों (पूर्वजों) को पिंडदान करने के लिए आने वाले देश-दुनिया के पिंडदानियों का अब यहां इंतजार हो रहा है। वैसे कई पिंडदानी यहां पहुंच भी गए हैं। प्रशासन और गयापाल पंडा समाज द्वारा तीर्थनगरी गया में आने वालों के रहने की व्यवस्था की गई है। जबकि धर्मशाला, होटल, निजी आवास पिंडदानियों से भरने लगे हैं। भगवान विष्णु की नगरी 'मोक्ष धाम' में पिंडदानियों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। गया जिले के एक अधिकारी के मुताबिक इस वर्ष पितृपक्ष के मौके पर यहां आठ लाख से ज्यादा श्रद्घालुओं के आने की संभावना है। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितरों की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए पिंडदान अहम कर्मकांड है। मान्यता है कि पिंडदान करने से मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। वैसे तो पिंडदान के लिए कई धार्मिक स्थान हैं, परंतु सबसे उपयुक्त स्थल बिहार के गया को माना जाता है।