गणेशोत्सव

 इस सप्ताह के तीज-त्योहार

मान्यता तो यह है कि शिव-पार्वती की मिट्टी से बनी मूर्तियों का विधिवत पूजन करने के पश्चात हरितालिका तीज की कथा सुननी चाहिए. इस मौके पर गौरी मां को सुहाग की सामग्री समर्पित करनी चाहिए. पूजन और व्रत की समाप्ति के बाद दान करना चाहिए. इस व्रत को जो स्त्री विधिवत संपन्न करती है उसकी कामनाएं पूर्ण होती हैं. जो निष्काम भाव से इस व्रत को रखती हैं, उन्हें नित्यपद की प्राप्ति होती है. सुहागिनें पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए इस व्रत को रखती हैं. कन्याएं भी मनोवांछित वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं.

 
 
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