ऐसा दशहरा जिसमें रावण नहीं मारा जाता

PICS: यहां 75 दिन तक मनाते हैं दशहरा लेकिन नहीं होता रावण वध

विजय के प्रतीक पर्व दशहरे पर यूं तो रावण दहन की परंपरा है. लेकिन देश में एक ऐसी जगह भी है जहां दशहरा पर्व मनाया तो 75 दिनों तक जाता है लेकिन रावण का वध नहीं होता. हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के बस्तर के दशहरा पर्व की. जी हां, बस्तर का दशहरा अपनी अनूठी मान्यता, वैभवशाली परंपरा और सर्वाधिक दिनों तक चलने वाले अनुष्ठानों के लिए विश्वविख्यात है. इसकी प्रसिद्धि के कई कारण है, जिनमें इस पर्व का राम कथा से संबध ना होना सबसे प्रमुख है. लिहाजा इस बस्तर के दशहरा में रावण का वध नहीं होता. यह विशुद्ध तौर पर शक्ति पूजा के रूप में मनाया जाता है. बस्तर दशहरा की एक विशेषता लकड़ी से बने विशालकाय रथ हैं, जो नगर की परिक्रमा करते हैं. ये रथ 20 फुट चौड़े, 40 फुट लंबे और 50 फुट ऊंचें भव्य दुमंजिला होते हैं. बस्तर दशहरा की एक विशेषता इस ऐतिहासिक पर्व का 75 दिनों तक मनाया जाना भी है. आगे जानिए बस्तर दशहरा से जुड़ी कई और अनसुनी और रोचक बातें....

 
 
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