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श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान द्वारा सीता की खोज के बाद जब लंका पर आक्रमण करने में समुद्र सबसे बड़ी बाधा बन गया, तो श्रीराम ने समुद्र देव के परामर्श पर नल-नील के सहयोग से सेतु समुद्रम का निर्माण करवाया. इसके बाद विजय अभियान की सफलता के लिए श्रीराम ने समुद्र तट पर महादेव शिव के लिंग स्वरूप की स्थापना कर समुद्र जल से उनका अभिषेक कर आशीर्वाद मांगा.
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