सावन का अंतिम सोमवार, मंदिर में उमड़े शिव भक्त

सावन का अंतिम सोमवार,

शिव पुराण में उल्लेख है कि समुद्र मंथन से निकले हलाहल के पान से देवाधिदेव को भयंकर पीड़ा हुई, जिसके चलते पृथ्वी में चारों ओर हाहाकार मच गया. भयंकर तपन से प्राणी काल के गाल में समाने लगे. परेशान देवताओं ने भगवान श्री हरि विष्णु से बचाव का उपाय पूछा. उन्होंने देवताओं को बताया कि गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करने से विषपान का असर खत्म होगा.

 
 
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