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- सावन का अंतिम सोमवार, मंदिर में उमड़े शिव भक्त
तब ब्रमा ने गंगा जल से अभिषेक किया. इससे महादेव का ताप कम हुआ और वह प्रसन्न हुए. उनके प्रसन्न होते ही पृथ्वी में जीवन का पुनरू संचार हुआ. कहा गया है कि सावन में भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक पूजन करने वालों को सांसारिक कष्टों से मुक्ति और मनोकामना पूरी होती है.
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