मख़मली आवाज़,अदाकारी का जादूई अंदाज़ और दिलों पर राज करने वाले किशोर दा की आज है 94वीं जयंती

Last Updated 04 Aug 2023 10:40:11 AM IST

आज यानि 4 अगस्त, 2023 को महान पार्श्व गायकों में से एक किशोर कुमार की 94वीं जयंती हैं। उन्हें लोग प्यार से किशोर दा भी कहकर बुलाते थे।


किशोर कुमार Indian cinema के मशहूर Playback singers में से एक हैं। जितने अच्छे वो गायक हैं उतने ही माहिर वो acting मे भी थे। उन्होंने बंगला, हिन्दी, मराठी, असमी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया और उर्दू समेत कई भाषाओं में गाया था। साथ ही best playback singer के लिए 8 फ़िल्मफ़ेयर Awards  जीते और उस category में सबसे ज्यादा फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड भी बनाया । किशोर कुमार की आज 94वीं जयंती है। आज ही के दिन यानि 04 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खण्डवा शहर में जाने माने वकील श्री कुंजीलाल जी के यहाँ हुआ उनका जन्म हुआ था। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था। उन्हें लोग प्यार से किशोर दा भी कहकर बुलाते थे।

उनसे जुड़े बहुत से दिलचस्प किस्से हैं। वह इन्दौर के क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़ते थे और उनकी आदत थी कॉलेज की कैंटीन से उधार लेकर खुद भी खाना और दोस्तों को भी खिलाना। वह ऐसा समय था जब 10-20 पैसे का उधार भी बहुत मायने रखता था। कैंटीन वाले का पाँच रुपया बारह आना उधार हो गया और उनको चुकाने को कहता तो वे कैंटीन में बैठकर ही टेबल पर गिलास और चम्मच बजा बजाकर पाँच रुपया बारह आना गा-गाकर कई धुन निकालते थे।बाद में उन्होंने अपने एक गीत में इस पाँच रुपया बारह आना का बखूबी इस्तेमाल किया चलती का नाम गाड़ी में जिसमें उनकी हिरोइन थीं मधुबाला ।


किशोर कुमार की Personal life भी बेहद दिलचस्प थी । उन्होंने चार शादियां कीं थीं जिसमें पहली पत्नी बंगाली गायिका और अभिनेत्री ​​रुमा घोष थीं। यह रिश्ता 1950 से 1958 तक चला । किशोर ने दूसरी शादी हुस्न कि मलिका मधुबाला से की, जब किशोर कुमार ने मधुबाला को शादी के लिए प्रोपोज़ किया था तो  मधुबाला बीमार थीं और इलाज के लिए लन्दन जाने वाली थीं। इस जोड़े ने 1960 में सिविल विवाह किया और किशोर कुमार ने इस्लाम धर्म कुबूल कर लिया और अपना नाम बदल कर करीम अब्दुल कर दिया। जिसके बाद इस जोड़े को मां बाप की काफी नाराज़गी झेलनी पड़ी उनको खुश करने के लिए दोनों ने हिंदू रीति रिवाज से भी शादी की, लेकिन मधुबाला को कभी भी बहू का दर्जा नहीं मिला। शादी के एक ही महीने के अंदर मधुबाला किशोर कुमार के घर में तनाव की वजह से वापस अपने बांद्रा वाले बंगले में आ गईं पर शादी के बंधन में बंधी रहीं । यह रिश्ता 23 फरवरी 1969 को मधुबाला की लंबी बीमारी से मौत के चलते खत्म हो गया। किशोर दा का तीसरा विवाह योगिता बाली से हुआ जो सिर्फ 2 साल ही चला यानि1976 से 4 अगस्त 1978 तक। उनकी चौथी और आखिरी शादी 1980 मे लीना चन्दावरकर से हुई। किशोर कुमार के दो बेटे थे, अमित कुमार रुमा के साथ रहा करते थे  और सुमित कुमार लीना चन्दावरकर के साथ थे।

किशोर कुमार की Professional life कामयाबी की मिसाल है। शुरू में उन्हें एस डी बर्मन और दूसरे संगीतकारों ने गंभीरता से नहीं लिया और उनसे हल्के  गीत गवाए गए, लेकिन किशोर कुमार ने 1957 में बनी फ़िल्म "फंटूस" में दुखी मन मेरे गीत से अपनी ऐसी धाक जमाई कि जाने माने संगीतकारों को किशोर कुमार की प्रतिभा का लोहा मानना पड़ा। इसके बाद एस डी बर्मन ने किशोर को अपने music direction में कई गीत गाने का मौका दिया। आर डी बर्मन के संगीत निर्देशन में किशोर कुमार ने 'मुनीम जी', 'टैक्सी ड्राइवर', 'फंटूश', 'नौ दो ग्यारह', 'पेइंग गेस्ट', 'गाईड', 'ज्वेल थीफ़', 'प्रेमपुजारी', 'तेरे मेरे सपने' जैसी फ़िल्मों में अपनी जादुई आवाज से फ़िल्मी संगीत के दीवानों को अपना दीवाना बना लिया। आज किशोर दा हमारे बीच नहीं हैं लेकिन वह अपनी आवाज़ से हमेशा लोगों के बीच में ज़िंदा रहेंगे।


 

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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