भारत-अमेरिका : खोलेंगे व्यापार के द्वार
एक जुलाई को अमेरिका के व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लीविट ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बहुत जल्द इसी माह जुलाई के पहले सप्ताह में एक व्यापार समझौता दिखाई दे सकता है।
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका और भारत, दोनों देशों के बीच होने वाले इस समझौते की घोषणा करेंगे। उल्लेखनीय है कि 26 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने वाशिंगटन में बिग ब्यूटीफल बिल इवेंट में भारत के साथ शानदार व्यापार समझौते का संकेत दिया है।
यह बात पिछले दिनों दोनों देशों के अधिकारियों की टीम की ओर से व्यापार समझौते के लिए विभिन्न विषयों, औद्योगिक और कृषि उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच, टैरिफ में कटौती और गैर-टैरिफ अड़चनों आदि पर चार दिवसीय बंद बातचीत के बाद सामने आई है। ट्रंप ने कहा, ‘हमने चीन के साथ भी अच्छा व्यापार समझौता किया है। लेकिन हम हर किसी देश के साथ समझौतें नहीं करने जा रहे हैं। कुछ देशों को हम बस एक पत्र भेजेंगे, जिसमें लिखा होगा बहुत-बहुत धन्यवाद, आपको 25, 35, 45 फीसद टैरिफ देना होगा।’
गौरतलब है कि इसी वर्ष 13 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में द्विपक्षीय व्यापार वार्ता हुई थी। इसी के मद्देनजर हाल में अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉर्वर्ड लटिनक और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यापार समझौते पर बातचीत करने की प्रक्रिया के अंतिम दौर में हैं, जिससे दोनों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा।
साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौता 9 जुलाई के पहले पूरा होते हुए दिखाई दे सकेगा। अब नये संभावित अंतरिम व्यापार समझौते के बारे में जो तस्वीर उभर कर दिखाई दे रही है, इसके तहत अमेरिका के बाजार में भारतीय वस्तुओं पर लगने वाले शुल्क को शून्य करवाने के लिए भारत भी अमेरिका की कई वस्तुओं पर शुल्क में राहत दे सकता है। भारत अमेरिका से सभी रोजगारपरक सेक्टर में शून्य शुल्क या अति कम शुल्क चाहता है ताकि इन सेक्टर का अमेरिका में होने वाला निर्यात बढ़े जिससे भारत में मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार बढ़ोतरी में मदद मिलेगी। दूसरी तरफ, अमेरिका इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ वाइन, एथनॉल, कई औद्योगिक आइटम्स और कुछ खाद्य आइटम्स के शुल्क में छूट चाहता है।
वस्तुत: इस तरह के अंतरिम व्यापार समझौते को पूर्ण होने में दो या तीन साल लग सकते थे। अमेरिका के साथ किया जाने वाला अंतरिम व्यापार समझौता टैरिफ विवादों को सुलझाने और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है। अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि पूरी दुनिया में भारत एक ऐसे पहले देश के रूप में सामने है, जिसके साथ अमेरिका का द्विपक्षीय-कारोबार समझौता (बीटीए) प्रारंभिक आकार लेने के करीब है। साथ ही, भारत-अमेरिका के बीच बीटीए को 31 दिसम्बर, 2025 तक पूर्ण करना सुनिश्चित किया गया है।
यह बात महत्त्वपूर्ण है कि विगत 2 अप्रैल को ट्रंप ने भारत के 56 फीसद टैरिफ के जवाब में 26 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। 10 अप्रैल को ट्रंप ने इसे घटा कर 9 जुलाई तक के लिए 10 फीसद कर दिया। वास्तव में अमेरिका ने दूसरे कई देशों की तुलना में भारत पर कम टैरिफ लगाया है। निश्चित रूप से अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत लाभ का बाजार बना हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा आईफोन निर्माता कंपनी एप्पल के सीईओ टिम कुक को अमेरिका में बिकने वाले आईफोन भारत में बनाए जाने पर अमेरिका में 25 फीसद टैरिफ लगाए जाने की कड़ी चेतावनी के बाद भी एप्पल ने भारत में आईफोन विस्तार जारी रखने का संकेत दिया है।
खास तौर से करीब 146 करोड़ आबादी के विशाल भारतीय बाजार की अमेरिका अनदेखी नहीं कर सकता। भारत में एग्री सेक्टर में ट्रंप अमेरिकी मक्का और गेहूं की उपज को खपाना चाहता है। ट्रंप अमेरिका के डेयरी प्रोडेक्ट्स भी भारत में बेचना चाहते हैं। चूंकि भारत की करीब 55 फीसद आबादी खेती पर निर्भर है, अतएव भारत ने अपना एग्रो मार्केट यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड के लिए नहीं खोला है। अमेरिका भारत के फार्मेसी बाजार में भी लाभ कमाना चाहता है। फार्मास्यूटिकल जेनेरिक दवाओं के क्षेत्र में भारत दुनिया में पहले क्रम पर है। अमेरिका को अपने सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम चलाने के लिए किफायती दरों पर जेनेरिक दवाओं का बड़े पैमाने पर आयात जरूरी है। चूंकि अमेरिका सर्विस सेक्टर, आईटी, बीपीओ और डिजिटल सर्विसेज में भारतीय टैलेंट पर निर्भर है। अतएव अमेरिका ट्रेड डील में सर्विस सेक्टर के भी लाभ चाहता है।
निश्चित रूप से 26 जून को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन में बिग ब्यूटीफल बिल इवेंट में भारत के साथ बहुत बड़े और शानदार व्यापार समझौते के जो संकेत दिए हैं, उसके बाद यह उभर कर सामने आ रहा है कि अब 9 जुलाई के पहले अंतरिम व्यापार समझौता आकार ले सकेगा। फिर दिसम्बर, 2025 तक बीटीए से भारत अमेरिका कारोबार तेजी से बढ़ता दिखाई दे सकेगा। ज्ञातव्य है कि वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका लगातार चौथी बार भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा। दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार भी बढ़ कर 131.84 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
यह महत्त्वपूर्ण है कि वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका को भारत का निर्यात 11.6 फीसद बढ़कर 86.51 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 में यह 77.52 अरब डॉलर था। 2024-25 में अमेरिका से आयात 7.44 फीसद बढ़ कर 45.33 अरब डॉलर हो गया जबकि 2023-24 में यह 42.2 अरब डॉलर था। उम्मीद करें कि भारत और अमेरिका के बीच 9 जुलाई के पहले अंतरिम व्यापार समझौता तथा दिसम्बर, 2025 तक बीटीए दोनों देशों के बीच 2030 तक 500 अरब डॉलर के द्विपक्षीय कारोबार के लक्ष्य के मद्देनजर मील का पत्थर साबित होगा। इससे देश से निर्यात बढ़ेंगे और बड़े पैमाने पर रोजगार अवसरों का सृजन होगा। इसके साथ-साथ भारत दुनिया की नई आर्थिक शक्ति बनने की डगर पर भी तेजी से आगे बढ़ते हुए दिखाई देगा।
(लेख में विचार निजी हैं)
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