डेंगू : खतरनाक हो सकती है अनदेखी

Last Updated 16 May 2024 01:39:15 PM IST

अन्य घातक बीमारियों के साथ-साथ डेंगू भी ऐसी गंभीर बीमारी बन चुका है, जिसके जोखिम को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। प्रति वर्ष डेंगू के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है यानी डेंगू जानलेवा बीमारी है।


डेंगू : खतरनाक हो सकती है अनदेखी

 प्राय: जून-अक्टूबर के दौरान डेंगू के सर्वाधिक मामले सामने आते हैं। डेंगू को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय विशेष थीम के साथ हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस ‘डेंगू रोकथाम: सुरक्षित कल के लिए हमारी जिम्मेदारी’ विषय के साथ मनाया जा रहा है। डेंगू से बचाव को लेकर सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि अभी तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं है। 2018 में भारत में एक लाख से ज्यादा डेंगू के मामले सामने आए थे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, 2023 में डेंगू के मामलों की संख्या करीब ढ़ाई लाख थी।

माना जाता है कि अक्टूबर के बाद रात के तापमान में गिरावट आने पर डेंगू के मच्छर स्वत: खत्म हो जाते हैं,  लेकिन समय के साथ-साथ स्थिति खतरनाक होती जा रही है और डेंगू फैलाने वाले मच्छरों का प्रकोप सर्दी के मौसम में भी अब शांत नहीं होता। मौसम में बदलाव के बावजूद सर्द मौसम में डेंगू के सैकड़ों मरीज सामने आने लगे हैं। डेंगू से पीड़ित को प्राय: तेज सिरदर्द होता है और लगातार बुखार आता है, जो 100 डिग्री के आसपास रहता है लेकिन डेंगू के मरीजों के मामलों में कुछ समय से यह चिंताजनक स्थिति भी देखी जाने लगी है कि बहुत से मरीज ऐसे भी सामने आते हैं, जिनमें बुखार तथा सिरदर्द जैसे लक्षण नदारद होते हैं, और शारीरिक कमजोरी तथा प्लेटलेट्स कम होने जैसे लक्षण ही देखने को मिलते हैं। सिर्फ  थकान और कमजोरी की शिकायत करने वाले मरीजों में डेंगू की पहचान करना मुश्किल होता है। रक्त जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर ही डेंगू की पुष्टि की जा सकती है। डेंगू के लक्षणों में इस बड़े बदलाव को लेकर किए गए अध्ययनों से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि एडीज मच्छर के वायरस और स्ट्रेन में बदलाव के कारण ऐसा हो रहा है। हालांकि चिकित्सक इस बदलाव को जानलेवा नहीं किंतु चिंताजनक अवश्य मानते हैं।

वायरस संक्रमण के कारण डेंगू होता है, जो मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है। केवल मादा मच्छर में ही डेंगू का वायरस होता है और यह मच्छर दिन में ही काटता है। एडीज मच्छर के काटने के 3-5 दिनों बाद डेंगू के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। वायरस संक्रमण ेत रक्त कोशिकाओं पर धावा बोलता है, जिससे पीड़ित की रोग प्रतिरोधी क्षमता कमजोर हो जाती है। प्लेटलेट्स कम होने पर शरीर के अंदरूनी हिस्सों में ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है। इलाज सही मिले तो स्थिति जल्द नियंत्रित हो सकती है अन्यथा डेंगू जानलेवा साबित हो सकता है। जब डेंगू अपनी खतरनाक अवस्था में पहुंचता है तो रोगी की प्लेटलेट्स बेहद कम हो जाती है, रक्तचाप तेजी से नीचे गिरता है और शरीर के अंदरूनी अंग कार्य करना बंद कर देते हैं, जिससे रोगी की मृत्यु हो सकती है। डेंगू के प्रमुख लक्षणों में लगातार बुखार रहने के साथ-साथ सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण देखे जाते हैं। बुखार के साथ नाक बहना, खांसी, आखों के पीछे दर्द, त्वचा पर हल्के रैशेज, भूख कम होना, कमजोरी जैसे लक्षण भी देखे जाते हैं और कुछ लोगों में लाल और सफेद निशानों के साथ पेट खराब होने, जी मिचलाने, उल्टी आने जैसे लक्षण भी सामने आते हैं।

व्यापक प्रचार-प्रसार के बावजूद आज भी बहुत से लोग यही मानते हैं कि डेंगू का मच्छर नालियों या दूषित जल में ही पनपता है जबकि वायरसजनित यह खतरनाक बीमारी साफ-सुथरे पानी में पनपने वाले एडीज मच्छरों के काटने से फैलती है। डेंगू के मच्छर प्राय: मानसून के बाद ठहरे हुए साफ पानी में पैदा होते हैं। प्लास्टिक के ड्रमों, टंकियों इत्यादि में पैदा होते हैं। कूलर में पानी भरे रहने पर उसमें भी पनप जाते हैं। अभी तक डेंगू के इलाज के लिए कोई दवा, एंटीबॉयटिक या टीका उपलब्ध नहीं है, अत: इसका उपचार इसके लक्षणों का इलाज करके ही किया जाता है। बचाव के लिए स्वच्छता और सजगता पर विशेष जोर दिया जाता है क्योंकि जितना मुश्किल डेंगू के संक्रमण से खुद को बचाए रखना है, उससे भी मुश्किल डेंगू होने के बाद उससे पूरी तरह उबरना है। अपने घर के आसपास साफ-सफाई रखें। पानी की टंकियों को अच्छी तरह बंद करके रखें। अगर किसी स्थान पर पानी जमा होने से रोकना संभव नहीं है तो उस जमा हुए पानी में पेट्रोल अथवा केरोसिन तेल डालें। घर में ऐसे टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें इत्यादि न रखें जिनमें पानी भरा रहता हो। कूलरों, गमलों, फूलदानों या ऐसे ही अन्य पात्रों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें। घर के खिड़की-दरवाजों पर बारीक जाली लगवा कर घर में मच्छरों के प्रवेश को बाधित करने का प्रयास करें। रात को सोते समय ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर के अधिकांश हिस्सों को ढंक सकें।

योगेश कुमार गोयल


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment