हलाल प्रमाणन : जोर-जबर्दस्ती है

Last Updated 23 Nov 2023 01:27:06 PM IST

पिछले कुछ समय से भारत सहित पूरे विश्व में इस्लाम मजहब के अनुयायियों के लिए हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र प्राप्त उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।


हलाल प्रमाणन : जोर-जबर्दस्ती है

हालांकि हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में कोई प्रक्रिया तय नहीं की गई है और न ही सरकारी तौर पर इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं परंतु फिर भी भारत में हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने का कार्य विभिन्न संस्थानों द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है एवं कई विनिर्माण इकाइयों से भारी राशि यह प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में वसूली जा रही है। विनिर्माण इकाइयों पर भी दबाव बनाया जाता है कि वे अपने संस्थानों में इस्लाम मजहब के अनुयायियों की नियुक्ति करें।

अब यह भी समझ से परे है कि फैशन, सौंदर्य साधनों, किराने के सामान, सब्जियों, वित्तीय सुविधाओं एवं ढाबे आदि जैसी गतिविधियों को हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र किस प्रकार प्रदान किया जा सकता है? इसी संदर्भ में हाल में उत्तर प्रदेश सरकार एवं सुप्रीम कोर्ट ने हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल, इस्लाम के अनुयायियों के लिए हलाल शब्द बहुत महत्त्वपूर्ण है। हलाल का आश्य बताया जाता है कि मुस्लिम मतावलंबियों के लिए जो वस्तु वैध है, वह हलाल है और जो वैध नहीं है, वह हराम है। ऐसा भी बताया जाता है कि प्रारंभ में इस्लाम-कुरान में खाने की वस्तुओं विशेष रूप से मांसाहार के साथ हलाल शब्द जोड़ा गया था अर्थात किन वस्तुओं (किस प्रकार के मांसाहार) का खाना हलाल है एवं किन वस्तुओं (किस प्रकार के मांसाहार) का खाना हराम है। परंतु अब तो हलाल को दैनिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के साथ जोड़ दिया गया है।

जैसे हलाल मांस, हलाल फैशन एवं सौंदर्य के साधन, हलाल किराने का सामान, हलाल सब्जियां, हलाल वित्तीय सुविधाएं, हलाल ढाबे, आदि  कई इस्लामी देशों ने तय कर लिया है कि उनके नागरिक केवल हलाल प्रमाणित खाद्य पदाथरे एवं अन्य सुविधाओं का उपयोग करेंगे। इन देशों ने हलाल प्रमाणन को कानूनी रूप दे दिया है। कोई उत्पाद हलाल प्रमाणित है, इसके लिए बाकायदा विशेष संस्थाओं का गठन किया गया है, जो हलाल प्रमाणन का प्रमाण पत्र जारी करने में सक्षम हैं। उस प्रमाणन के आधार पर ही उत्पाद बाजार में बेचा जा सकता है। इन मुस्लिम मजहब बहुल देशों में विदेशों से आयात किए जाने उत्पादों को भी हलाल प्रमाणन के लिए प्रमाण पत्र संबंधित संस्थानों से लेना आवश्यक होता है ताकि ये कंपनियां अपने उत्पादों को इन इस्लामी देशों को निर्यात कर सकें।

चूंकि पूरे विश्व में 50 से अधिक इस्लामी देश हैं एवं मुस्लिम मजहब को मानने वाली बहुत बड़ी आबादी इन देशों में निवास करती है। अत: गैर-इस्लामी देशों की कंपनियों को भी हलाल प्रमाणित उत्पाद ही इन देशों को भेजने होते हैं। वैसे तो हलाल प्रमाणित वस्तुओं का चलन इस्लामी देशों में बहुत लंबे समय से चला आ रहा है परंतु हाल के समय में इसका कार्य क्षेत्र बढ़ाकर इसे गैर-इस्लामी देशों में भी फैलाया गया है। 1945 में दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केपटाउन में मुस्लिम जुडिशियल कौंसिल हलाल ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। इसके बाद हलाल पंजीयन की शुरु आत थाईलैंड में 1969 में हुई जो केवल कुवैत में मुर्गी पालन उद्योग से निर्मिंत पदाथरे के निर्यात तक सीमित था।

एक सुनियोजित इस्लाम केंद्रित व्यापार की वास्तविक शुरु आत दक्षिण पूर्वी एशिया के देश मलयेशिया से हुई थी। वहां 1974 में डिपार्टमेंट ऑफ इस्लामिक डवलपमेंट मलयेशिया की स्थापना की गई। यह विश्व का पहला देश था जिसने हलाल व्यापार को परिभाषित करने का कानून बना दिया। इस प्रक्रिया की गति इतनी तीव्र थी कि 1980 तक मलयेशिया को ग्लोबल हलाल हब बनाने के प्रयासों को आकार दिया जाने लगा था। वर्तमान में  डिपार्टमेंट ऑफ इस्लामिक डवलपमेंट मलयेशिया का नेटवर्क लगभग 45 देशों में फैला हुआ है और कुल लगभग 78 हलाल पंजीयन संस्थाएं इससे जुड़ी हैं। भारत की भी तीन प्रमुख संस्थाएं-हलाल इंडिया, जमीयत उलेमा हलाल फाउंडेशन, जमीयत उलेमा ए हिंद हलाल ट्रस्ट इसके सदस्य रहे हैं।

आज पूरे विश्व में इस्लाम के सभी फिकरे केवल और केवल भारत में ही रहते हैं  एवं ये सभी भारत में एकदम सुरक्षित हैं वरना कई इस्लामी देशों में तो ये आपस में ही लड़-भिड़ रहे हैं। विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के क्षेत्रों यथा, हलाल मांस, हलाल फैशन एवं सौंदर्य के अन्य साधन, हलाल किराने का सामान, हलाल सब्जियां, हलाल वित्तीय सुविधाएं, हलाल ढाबे, आदि में हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र प्रदान करने के पूर्व किस प्रकार की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए, इसे अब निर्धारित करने का समय आ गया है क्योंकि हलाल प्रमाणन से प्राप्त होने वाले धन का इस्तेमाल ऐसे कायरे में किया जा रहा है, जो समाज में विलगाव पैदा करने करने वाले हैं।

प्रह्लाद सबनानी


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment