युवा दिवस : युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद
अपने हालातों की वजह से अपने सपनों को नहीं बदलना चाहिए बल्कि अपने सपनों के हिसाब से अपने हालातों को बदलना चाहिए।’
![]() युवा दिवस : युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद |
स्वामी विवेकानंद जी का यह संदेश आज देश के सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बना हुआ है। स्वामी विवेकानंद जी का जन्मदिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रमुख कारण उनका दर्शन, सिद्धांत, अलौकिक विचार और उनके आदर्श हैं, जिनका उन्होंने स्वयं पालन किया और भारत के साथ साथ अन्य देशों में भी इन्हें स्थापित किया। देश के युवाओं की अनंत ऊर्जा को जागृत करने के लिए स्वामी विवेकानंद जी के आदश्रे का बहुत अहम योगदान है। उनके विचार आज भी युवाओं में एक नई शक्ति और ऊर्जा का संचार करने की क्षमता रखते हैं।
स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को सिखाया कि अच्छा काम करने वालों को प्रोत्साहित करना हमारा कर्तव्य है ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें। उनकी दृष्टि ने अंत्योदय के विचार को भी जन्म दिया। उन्होंने कहा कि जब तक देश के अंतिम गरीब व्यक्ति का उत्थान सुनिश्चित नहीं हो जाता, तब तक विकास निर्थक है। स्वामीजी ने न सिर्फ अपने समय में युवाओं को जाग्रत किया, बल्कि आज भी उनके विचार युवाओं के लिए उत्प्रेरक का काम करते हैं। एक युवा में कितनी ऊर्जा और तेज होता है और वह इस ऊर्जा का समाज के लिए किस तरह उपयोग कर सकता है, स्वामी विवेकानंद का स्वयं का जीवन इसका श्रेष्ठतम उदाहरण है।
स्वामी जी ने धार्मिंक विकास को शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य माना। वे चाहते थे कि प्रत्येक व्यक्ति उस सत्य अथवा धर्म को मालूम कर सके जो उनके अंदर दिया हुआ है। उसके लिए उन्होंने मन तथा हृदय के प्रशिक्षण पर बल दिया और बताया कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए, जिसे प्राप्त करके बालक अपने जीवन को पवित्र बना सके। आज हमारा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है, जिसमें देश के युवाओं की सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में आज स्टार्टअप से लेकर स्वरोजगार तक स्पेस से लेकर ड्रोन तक का विस्तृत क्षेत्र है; भारत में युवाओं के लिए चारों तरफ नये अवसरों का निर्माण हो रहा है। यह सरकार युवाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही है। केंद्र में मोदी सरकार ने युवाओं के सशक्तिकरण के लिए देश में विभिन्न योजनाएं लागू की है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के माध्यम से युवाओं में कौशल का विकास करके उन्हें सशक्त, आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने का कार्य कर रही है। कौशल विकास योजना का मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के हिसाब से ट्रेनिंग देकर उनके कौशल में विकास करके उनकी योग्यता अनुसार रोजगार देना है। रोजगार मेले के माध्यम से मोदी सरकार देश के 10 लाख युवाओं को रोजगार देने का अभियान चला रही है जिसके अंतर्गत अभी हाल ही में 75,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए हैं।
रोजगार मेला मुख्यत: युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें राष्ट्रीय विकास में उत्प्रेरक बनाने का प्रधानमंत्री मोदी जी का एक प्रयास है। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं में शारीरिक शक्ति और समाज सेवा का भाव होने के साथ-साथ बौद्धिक संसाधान पर भी बल दिया ताकि युवा दोनों प्रकार की दुनिया को भलीभांति समझ सके। उन्होंने सभी के लिए शिक्षा की बात करते हुए कहा, शिक्षा कोई जानकारियों का बंडल नहीं जो दिमाग में रख दिया जाए और जिंदगी भर परेशान करते रहे।
आज भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं के विकास और बेहतर युवाओं से बेहतर देश बनाने पर केंद्रित है। यह नीति हमारे युवाओं की समझ, उनके निर्णयों और उनके विश्वासों को प्राथमिकता देती है। स्वामी विवेकानंद शारीरिक और मानसिक शक्ति को समान वरीयता देते थे। उनकी शिक्षाओं से ही प्रेरित होकर ही आज सरकार विशेष रूप से भारतीय युवाओं की मानिसक और शारीरिक फिटनेस पर ध्यान केंद्रित कर रही है। फिट इंडिया कार्यक्रम स्वामी विवेकानंद जी से ही प्रेरित है।
राष्ट्रीय युवा दिवस मनाए जाने का प्रमुख उद्देश्य भारत के युवाओं को राष्ट्रनिर्माण और जनसेवा की दिशा में प्रोत्साहित करना, एकजुट करना, प्रेरित करना और सक्रिय करना है। स्वामी विवेकानंद के जीवन के एक भी आदर्श को हम अपने जीवन में अगर उतार पाएं तो शायद ही हमें कभी हार का सामना करना पड़े। उनके विचारों से आज हमारा राष्ट्र एक वैश्विक शक्ति बनकर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत‘ के रूप में अपनी जगह बनाया है।
(लेखक भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री हैं)
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