मुद्दा : ‘अलजजीरा’ आतंकी न्यूज चैनल?

Last Updated 27 Jun 2017 06:11:29 AM IST

अरबी भाषा की कुख्यात न्यूज चैनल ‘अलजजीरा’ को लेकर सऊदी अरब ने दुनिया को सावधान किया है.


मुद्दा : ‘अलजजीरा’ आतंकी न्यूज चैनल?

कहा है कि समय आ गया है कि अरबी न्यूज चैनल ‘अलजजीरा’ के आतंकी चेहरे को बेनकाब कर दिया जाना चाहिए क्योंकि वह अभिव्यक्ति का माध्यम न होकर आतंकवादियों की सोच और हिंसक उद्देश्य की पूर्ति का एक हथकंडा मात्र है.

अलजजीरा अरब दुनिया का वह सबसे ज्यादा देखे जाने वाला न्यूज चैनल है. यूरोप और अमेरिका का मीडिया बहुत पहले से इसे न्यूज चैनल या फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का माध्यम मानने से इनकार करता रहा है. जबकि अलजजीरा यूरोप और अमेरिका के इस विचार का खंडन करता रहा है. कहता रहा है कि उसने यूरोप और अमेरिका की मीडिया को चुनौती दी है, इसीलिए उसके खिलाफ साजिश के तहत ऐसा दुष्प्रचार होता रहा है. अलजजीरा के खिलाफ सऊदी अरब के नेतृत्व में छह देश खड़े हो गए हैं. निश्चित तौर पर अलजजीरा को निष्पक्षता और इस्लामिक आतंकवाद का हित पोषक होने को लेकर तर्कपूर्ण सफाई देने ही होगी, नहीं तो अलजजीरा की बनी-बनाई शाख धूल-धूसरित हो जाएगी? क्या सही नहीं है कि उसने अमेरिका और यूरोप में आतंकवाद का बाजार गर्म किया?

सही तो यह है कि अमेरिका और यूरोप में अलजजीरा का प्रसारण अरबी मूल की मुस्लिम आबादी बड़ी सक्रियता और समर्पण के साथ देखती है. उल्लेखनीय है कि अमेरिका और यूरोप के हजारों मुस्लिम युवक-युवतियां आईएस की ओर से लड़ने के लिए सीरिया और इराक गए हुए हैं, जिन पर अलजजीरा का प्रभाव भी मुख्य रूप से था. जाहिर तौर पर अलजजीरा जैसे इस्लामिक प्रसारण माध्यम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुडे हुए नहीं बल्कि ऐसे संगठन तो इस्लाम की उस सोच से जुडे हुए हैं, जिस सोच को लेकर अलकायदा, आईएस, हिज्जबुल्लाह, हमास जैसे संगठन दुनिया को अपनी हिंसा से मानवता का शर्मसार कर रहे हैं. निर्दोष लोगों की जिंदगियां आतंकवाद व खूनी हिंसा में स्वाहा कर रहे हैं. जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला कर तालिबान शासन व्यवस्था को उखाड़ फेंका था और अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में छिपने के लिए विवश किया था, तब अलजजीरा ने अमेरिका के खिलाफ अभियान छेड़ा था.

अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को हीरो बताया था. मुस्लिम ब्रदरहुड, हमास और हिज्जबुल्लाह जैसे संगठन अरब जगत और मुस्लिम दुनिया में सक्रिय हैं, और अपने आप को इस्लाम का हित पोषक कहते हैं. अलजजीरा अपने प्रसारण में दिखाता रहा है कि इस्रयल के खिलाफ हमास आजादी की लड़ाई लड़ रहा है और इस्रयल मुस्लिम दुनिया को तबाह करना चाहिता है. इतना ही नहीं बल्कि मिस्त्र की सैनिक सरकार के खिलाफ भी अलजजीरा विद्रोह कराने जैसा प्रसारण करता रहा है.
अलकायदा की इस्लामिक हिंसक की सोच से अलजजीरा का जन्म हुआ था.

अब यहां यह प्रसरण उठता है कि अलकायदा की सोच क्या थी? अलकायदा की सोच सिर्फ और सिर्फ आतंकवादी सोच थी, उसकी सोच अलजजीरा जैसे मीडिया संगठन को हथकंडा बना कर अपनी पहुंच दुनिया भर में विकसित करनी थी. अलकायदा अपनी इस सोच में कामयाब हुआ था. उसकी शक्ति बढ़ते ही इस्लामिक आतंकवादियों की शक्ति बड़ी थी और न केवल अरब जगत की मुस्लिम बल्कि अमेरिका और यूरोप की मुस्लिम भी अलजजीरा को अपना वैचारिक पोषक मान लिया था. यही कारण था कि अलकायदा ने अपनी पैठ पूरी दुनिया में बनाने में कामयाब हुआ था. तालिबान शासन की समाप्ति और लादेन के मारे जाने के बाद अलकायदा बेहद कमजोर हो गया. इसके बाद अलजजीरा आईएस को अपना हित पोषक और वित्त पोषक बना डाला.

उल्लेखनीय है कि कतर न केवल आतंकवादी संगठनों को धन मुहैया करता है बल्कि अलजजीरा को भी धन मुहैया कराता है. मिस्र और सऊदी अरब का मानना है कि अलजजीरा उनके देश में विद्रोह करना चाहता है. उल्लेखनीय है कि मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड आतंकवाद के रास्ते पर है वहीं सऊदी अरब में भी आतंकवादी संगठन अपनी हिंसा से दुनिया को चिंतित कर रहे हैं. अलजजीरा जैसे न्यूज संगठन आतंकवाद के हित पोषक है, इनके खिलाफ दुनिया भर में आवाज उठनी चाहिए. अब सऊदी अरब ने आवाज उठाई है. सऊदी अरब की आवाज अलजजीरा के लिए भारी पड़ने वाली है.

विष्णुगुप्त
लेखक


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