भारत के तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापारिक संबंधों में तनाव आने की आशंका है, क्योंकि इन दोनों देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया है और वहां आतंकी शिविरों पर भारत के हालिया हमलों की निंदा की है।
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वास्तव में, भारतीय कारोबारियों ने भी तुर्किये के सेब और संगमरमर जैसे उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है।
भारत ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था।
इसके बाद पाकिस्तान द्वारा किए गए आक्रमण का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत दिया गया।
भारत और पाकिस्तान ने पिछले शनिवार की शाम पांच बजे से ज़मीन, हवा और समुद्र पर सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के सहमति बनने की घोषणा की थी।
संघर्ष के दौरान, पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के अपने असफल प्रयास में तुर्किये के ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
तुर्किये और अजरबैजान, दोनों देशों ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारत के हमले की आलोचना की है।
भारत का तुर्किये को निर्यात अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 के दौरान 5.2 अरब डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 6.65 अरब डॉलर था। यह भारत के कुल 437 अरब डॉलर के निर्यात का सिर्फ 1.5 प्रतिशत है।
वहीं, भारत का अजरबैजान को निर्यात अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 के दौरान मात्र 8.60 करोड़ डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 8.96 करोड़ डॉलर था। यह भारत के कुल निर्यात का मात्र 0.02 प्रतिशत है।
तुर्किये से भारत का आयात अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 के दौरान 2.84 अरब डॉलर था, जबकि 2023-24 में यह 3.78 अरब डॉलर था। यह भारत के कुल 720 अरब डॉलर के आयात का सिर्फ 0.5 प्रतिशत है।
भारत में अजरबैजान से आयात अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 तक 19.3 करोड़ डॉलर था, जो 2023-24 में 7.4 लाख डॉलर यानी भारत के कुल आयात का मात्र 0.0002 प्रतिशत था।
भारत का दोनों देशों के साथ व्यापार अधिशेष है।
भारत द्वारा तुर्किये को खनिज ईंधन और तेल (2023-24 में 96 करोड़ डॉलर); विद्युत मशीनरी और उपकरण; वाहन और उसके कलपुर्जे; कार्बनिक रसायन; फार्मा उत्पाद; टैनिंग और रंगाई की वस्तुएं; प्लास्टिक, रबड़; कपास; मानव निर्मित फाइबर, लोहा और इस्पात का निर्यात किया जाता है।
वहीं, तुर्किये से भारत विभिन्न प्रकार के मार्बल (ब्लॉक और स्लैब); ताजा सेब (लगभग एक करोड़ डॉलर), सोना, सब्जियां, चूना और सीमेंट; खनिज तेल (2023-24 में 1.81 अरब डॉलर); रसायन; प्राकृतिक या संवर्धित मोती; लोहा और इस्पात का आयात करता है।
दोनों देशों के बीच साल 1973 में एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके बाद 1983 में आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर भारत-तुर्की संयुक्त आयोग की स्थापना पर एक समझौता हुआ।
भारत अजरबैजान को तम्बाकू और उसके उत्पाद (2023-24 में 2.86 करोड़ डॉलर); चाय, कॉफी; अनाज; रसायन; प्लास्टिक; रबड़; कागज और पेपर बोर्ड; और सिरेमिक उत्पाद का निर्यात करता है।
वहीं, भारत में अजरबैजान से पशु चारा; जैविक रसायन; आवश्यक तेल और इत्र; तथा कच्ची खालें और चमड़े (अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान 15.2 लाख डॉलर) आता है। भारत साल 2023 में अज़रबैजान के कच्चे तेल के लिए तीसरा सबसे बड़ा गंतव्य था।
वर्तमान में तुर्किये में लगभग 3,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें 200 छात्र शामिल हैं। इसी तरह, अज़रबैजान में भारतीय समुदाय के लोगों की संख्या 1,500 से ज़्यादा है।
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