RBI की मौद्रिक समीक्षा बैठक 3 अप्रैल से, नीतिगत दर यथावत रहने की संभावना

Last Updated 01 Apr 2024 10:09:09 AM IST

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India (RBI) ) की वित्त वर्ष 2024-25 (financial year 2024-25) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) (Monetary Policy Committee (MPC) की पहली तीन दिवसीय समीक्षा बैठक (first three-day review meeting ) तीन अप्रैल को शुरू होगी।


भारतीय रिजर्व बैंक इस सप्ताह पेश मौद्रिक नीति समीक्षा एक बार फिर नीतिगत दर को यथावत रख सकता हैं। इसका कारण आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता दूर होने और इसके करीब आठ प्रतिशत रहने के साथ केंद्रीय बैंक का अब और अधिक जोर मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लIय पर लाने पर हो सकता है। विशेषज्ञों ने यह बात कही। \

साथ ही नीतिगत दर पर निर्णय लेने वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) अमेरिका और ब्रिटेन जैसे कुछ विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों के रुख पर गौर कर सकती है। ये केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में कटौती को लेकर स्पष्ट रूप से ‘देखो और इंतजार करो' का रुख अपना रहे हैं। विकसित देशों में स्विट्जरलैंड़ पहली बड़़ी अर्थव्यवस्था है जिसने नीतिगत दर में कटौती की है। वहीं दुनिया की तीसरी सबसे बड़़ी अर्थव्यवस्था जापान आठ साल बाद नकारात्मक ब्याज दर की स्थिति को समाप्त किया है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक तीन अप्रैल को शुरू होगी। मौद्रिक नीति समीक्षा की की घोषणा पांच अप्रैल को की जाएगी। यह वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा होगी। एक अप्रैल‚ 2024 से शुरू वित्त वर्ष में एमपीसी की छठ बैठकें होगी।

आरबीआई ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो दर बढाकर 6.50 प्रतिशत किया था। उसके बाद लगातार छह द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में इसे यथावत रखा गया है।

बैंक आफ बड़़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा‚ ‘मुद्रास्फीति अभी भी पांच प्रतिशत के दायरे में है और खाद्य मुद्रास्फीति के मोर्चे पर भविष्य में झटका लगने की आशंका है‚ इसको देखते हुए एमपीसी इस बार भी नीतिगत दर और रुख पर यथास्थिति बनाए रख सकता है।' उन्होंने कहा कि जीड़ीपी अनुमान में संशोधन हो सकता है। इस पर सबकी बेसब्री से नजर होगी।

सबनवीस ने कहा‚ “वित्त वर्ष 2023-34 में आर्थिक वृद्धि उम्मीद से कहीं बेहतर रही है और इसीलिए केंद्रीय बैंक को इस मामले में चिंताएं कम होंगी और वह मुद्रास्फीति को लIय के अनुरूप लाने पर ज्यादा ध्यान देना जारी रखेगा।'

भाषा
मुंबई


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