Tomato Price: मौसम के साथ टमाटर ने बदला रंग... देश के कई शहरों में 100 रूपये पार

Last Updated 27 Jun 2023 10:32:12 AM IST

टमाटर की कीमतों ने अचानक घर के बजट को बिगाड़ दिया है। देश के कई शहरों में खुदरा बाजार में टमाटर 100 रु को पार कर चुका है।


जहां मानसून आने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं टमाटर की बढ़ती कीमतों ने लोगों को रुला दिया है। बता दें, कि देशभर में मौसम की मार से टमाटर की कीमतों में भारी उछाल आया है। हफ्ते पहले 20 से 30 रूपये किलो बिकने वाले टमाटर के दाम अचानक 100-120 रूपये के पार पहुंच गए है।

अचानक से कीमतों में आई तेजी से दिल्‍ली की आजादपुर मंडी सहित कई स्थानों पर टमाटर 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक बेचा जा रहा है।

टमाटर की बढ़ी कीमतों पर थोक व्यापारियों का कहना है कि यह उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आई भारी वर्षा के कारण हुआ है। बारिश ने टमाटर की फसल को बर्बाद कर दिया है। जिससे कीमतों में भारी उछाल आया है।

आजादपुर मंडी में थोक व्यापारी महेश ने कहा कि इन बढ़ती कीमतों से लोगों को काफी परेशानी आ रही है। इसके लिए उन्‍होंने हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से सीमित आपूर्ति को जिम्मेदार ठहराया।
 

वहीं, पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके में सब्जी विक्रेता श्याम लाल ने कहा कि कीमतों में वृद्धि के कारण बिक्री में काफी गिरावट आई है।

इस एक हफ्ते में देश के अनेक हिस्सों में टमाटर के दाम दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। बाजार में टमाटर की कीमत 80-120 रूपया प्रति किलो हो गया है। वहीं थोक भाव 30-35 रूपया प्रति किलो से बढ़कर 65 से 70 रूपया प्रति किलो हो गई है।

 



टमाटर के इस बढ़ोतरी के कई कारण बताए जा रहें हैं। जिसमें भीषण गर्मी, कम उत्पादन और बारिश में देरी के कारण टमाटर की खुदरा कीमतें देश के कईं हिस्सों में 100-120 रूपये किलो तक पहुंच गई है।


व्यापारियों के मुताबिक, मई में टमाटर की कीमतें थोक बाजार में 3-5 रुपये किलो और खुदरा बाजार में 10-20 रुपये किलो तक बिक रही थी। लेकिन जून में यह अचानक बढ़ गई और अब 100 रुपये के पार पहुंच गई है।

यूपी के सब्जी विक्रेता ने बताया, "टमाटर 100 रुपए किलो चल रहा है।बारिश के कारण सभी फसल खराब हो गई है इसलिए महंगा हो गया है।"
 



व्यापारियों का कहना है कि अभी कीमतें ऊंची रहेंगी, ऐसी संभावना नहीं है। जब नई फसल आएगी तो कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।

बर्बाद हो गई थी फसल
व्यापारियों का कहना है कि मई के महीने में टमाटर के दाम कम होने की वजह से इसका रखरखाव करना कम कर दिया जिससे काफी फसल बर्बाद हो गई और इससे आवक भी घट गई।
कम भाव मिलने के कारण किसानों ने फसलों पर पेस्टिसाइड या खादों का छिड़काव नहीं किया जिससे उत्पादन में भी कमी आई।

मानसून की बारिश शुरू होने से भी टमाटर की फसल प्रभावित हुई। टमाटर ही नहीं मंडियों में अन्य हरी सब्जियों की कीमतों में भी उछाल देखा जा रहा है। हालांकि, उम्मीद की जा रही है कि कुछ राज्यों में अगले एक दो महीनों जब टमाटर व अन्य सब्बियों की नई खेप की आवक बढ़ेंगी कीमतों में राहत मिलगी।

टमाटर की बढ़ती कीमतों के साथ अन्‍य सब्जियों के भाव भी बढ़े हैं। करेला और परवल 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। तोरी और भिंडी बाजार में 45 से 50 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है। वहीं अदरक की कीमत अब 400 रुपये प्रति किलो है। इस बीच आलू 20 से 25 रुपये प्रति किलो के भाव पर उपलब्ध है।
 

 

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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