केन्द्र सरकार की विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को मंजूरी
केन्द्र सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को बुधवार को मंजूरी दे दी।
![]() प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो) |
मंत्रिमंडल द्वारा ‘सहकारिता के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना’ के लिए एक अंतर-मंत्रालयीय समिति (IMC) के गठन और सशक्तीकरण को मंजूरी दी गई।
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मांलय तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के मेल से ‘सहकारिता के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना’ के लिए एक अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) के गठन और सशक्तिकरण को मंजूरी प्रदान की।
योजना का ‘प्रोफेशनल’ तरीके से समयबद्ध और एकरूपता के साथ कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सहकारिता मंत्रालय देश के विभिन्न राज्यों में कम से कम 10 चुने हुए जिलों में एक पायलट परियोजना चलाएगा।
यह पायलट प्रोजेक्ट, इस योजना की विभिन्न क्षेत्रीय आवश्यकताओं के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा जिसे इस योजना के देशव्यापी कार्यान्वयन में शामिल किया जाएगा।
पांच साल में भंडारण क्षमता 2150 लाख टन होगी
बैठक के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) संवाददाता सम्मेल में कहा कि अभी देश में 1450 लाख टन खाद्यान्न के भंडारण की क्षमता है।
इस योजना के लागू होने के बाद भंडारण क्षमता बढ़कार 700 लाख टन हो जाएगी।
इस योजना के तहत तहत प्रत्येक प्रखंड में 2,000 टन क्षमता के गोदाम बनाये जाएंगे।
ठाकुर ने कहा कि अगले पांच साल में भंडारण क्षमता बढ़ाकर 2,150 लाख टन की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस पर एक लाख करोड़ रु पए का खर्च होगा।
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