कई वस्तुओं के सीमाशुल्क में किया गया बदलाव
केंद्रीय बजट 2022-23 में कई वस्तुओं पर लगने वाले सीमाशुल्क में परिवर्तन किया गया है, जिससे कुछ सामान अब पहले से महंगे और कुछ सस्ते हो जायेंगे।
![]() कई वस्तुओं के सीमाशुल्क में किया गया बदलाव |
सीमाशुल्क बढ़ाये जाने से वस्तुओं का आयात महंगा हो जाता है, जिससे उसकी कीमतें बढ़ जाती हैं और इसके विपरीत जब सीमाशुल्क में कटौती की जाती है तो वह उत्पाद पहले की तुलना में सस्ता हो जाता है।
संसद में मंगलवार को पेश बजट में, जिन वस्तुओं पर सीमाशुल्क बढ़ाने की घोषणा की गयी ,उनमें खाद्य तेलों की श्रेणी में माइक्रोबियल फैट और तेल का सीमाशुल्क 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत, छातों का 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत, सिंगल और मल्टीपर्पस लाउडस्पीकर का 15 से 20 प्रतिशत, माइक्रोफोन वाले सेट, एक या उससे अधिक लाउडस्पीकर वाले सेट तथा माइक्रोफोन युक्त या माइक्रोफोन रहित दोनों प्रकार के हेडफोन और ईयरफोन पर भी सीमाशुल्क बढ़ाकर 15 से 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
नयी कीमतें एक मई 2022 से प्रभावी होंगी।
इनके अलावा कई वस्तुओं पर लगने वाला सीमाशुल्क घटाया गया है, जैसे काजू पर सीमाशुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत, पिस्ता का 30 प्रतिशत से 10 प्रतिशत, मुलायम खजूर का 30 प्रतिशत से 20 प्रतिशत, मूंगा का 30 प्रतिशत से शून्य कर दिया गया है।
आयातित फलों को सस्ता करने के लिए संतरे, नींबू पर सीमाशुल्क घटाकर 40 प्रतिशत से 30 प्रतिशत, ताजा अंगूर, ताजा नाशपाती और श्रीफल का 35 प्रतिशत से 30 प्रतिशत कर दिया गया है।
मसालों में कालीमिर्च पर आयातशुल्क में कमी करते हुए 70 से 30 प्रतिशत तथा लौंग पर 70 से 35 प्रतिशत कर दिया गया है।
बिस्किट, वैफल और वेफर पर आयातशुल्क 45 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत, खुदरा बिक्री वाले डॉग और कैट फूड पर 30 से 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
| Tweet![]() |