नितिन गडकरी की वाहन निर्माता कंपनियों को सलाह, 6 महीने के भीतर दोहरे ईंधन वाली गाड़ियों का शुरू करें उत्पादन

Last Updated 28 Dec 2021 03:11:44 AM IST

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पेट्रोलियम उत्पादों पर भारत की आयात की निर्भरता को कम करने और किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के मकसद से देश में मौजूद वाहन निर्माताओं से अगले 6 महीनों की समयावधि में बीएस-6 तकनीक पर आधारित फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल्स (एफएफवी) और फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एफएफवी-एसएचईवी) का उत्पादन शुरू करने को कहा है।


केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी

इसका मतलब बिल्कुल साफ है कि केंद्रीय मंत्री गडकरी यह चाहते हैं कि अगले 6 महीनों के दौरान गाड़ियों का निर्माण करने वाली कंपनियां दोहरे फ्यूल पर चलने योग्य इंजन वाली गाड़ियों का उत्पादन शुरू करें, क्योंकि इससे देश को कई मोचरें पर एक साथ लाभ मिलेगा।

सोमवार को केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सिलसिलेवार कई ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री के ह्यआत्मनिर्भर भारत के विचार को मूर्त रूप देने और परिवहन के लिए एथेनॉल को प्रोत्साहित करने की सरकार की नीति के अनुरूप यह कदम उठाया गया है। इसके अंतर्गत बनने वाले फ्लेक्स फ्यूल वाहन 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत बायो-एथेनॉल मिश्रण के साथ-साथ एफएफवी - एसएचईवी के मामले में स्ट्रॉंग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक पर भी चलने में सक्षम होंगे। उन्होने कहा कि सरकार जीवाश्म ईंधन का उपयोग कम से कम करने के लिए विभिन्न वैकल्पिक ईंधनों के उपयोग के विकल्पों का पता लगा रही है। फ्लेक्स फ्यूल वाहनों के उत्पादन में तेजी लाने के लिए, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को फ्लेक्स ईंधन वाले इंजनों और अन्य पुजरें के निर्माण से जुड़े ऑटोमोबाइल क्षेत्र को भी इसमें शामिल किया गया है। नीति आयोग ने एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के मजबूत ढांचे को महत्व देते हुए 2020-2025 की अवधि के लिए इथेनॉल मिश्रण पर एक रोड मैप भी तैयार किया है।

इस कदम से देश को होने वाले फायदों को गिनाते हुए गडकरी ने कहा कि इससे भारत को वाहनों से निकलने वाली ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में कमी लाने में मदद मिलेगी, साथ ही इससे भारत को 2030 तक अपने कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को 1 बिलियन टन तक कम करने की कॉप 26 में की गई प्रतिबद्धताओं को भी पूरा करने में भी मदद मिलेगी।



उन्होंने बताया कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के नए नियमों के अनुसार यह निर्धारित किया गया है कि पारंपरिक ईंधन के सभी अधिकृत विक्रेताओं को अपने केंद्र पर सीएनजी, बायो फ्यूल, एलएनजी, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिग पॉइंट इत्यादि में से कम से कम एक वैकल्पिक ईंधन की बिक्री की सुविधा भी स्थापित करने की आवश्यकता है। एक अनुमान के अनुसार, अगले पांच वर्षों में गैसोलीन में इथेनॉल के मिश्रण में बड़ा उछाल आएगा, जिसके लिए फ्लेक्स इंजन वाले वाहनों की उपलब्धता की आवश्यकता होगी।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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