राष्ट्रीय खाद्य तेल पाम ऑयल मिशन को मंजूरी

Last Updated 19 Aug 2021 01:27:51 AM IST

खाद्य तेल के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य तेल पाम ऑयल मिशन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत पाम ऑयल का रकबा और पैदावार बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 11040 करोड़ रुपए खर्च करेगी जिसमें से केंद्र सरकार 8844 करोड़ रुपए वहन करेगी।


राष्ट्रीय खाद्य तेल पाम ऑयल मिशन को मंजूरी

यह योजना मध्य प्रदेश की भावांतर योजना की तर्ज पर चलेगी, यानी किसान को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। अन्य तिलहनों की तुलना में प्रति हेक्टेयर के हिसाब से ताड़ के तेल का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 10 से 46 गुना अधिक होता है। इसके अलावा एक हेक्टेयर की फसल से लगभग चार टन तेल निकलता है। लिहाजा इसकी खेती में किसानों के लिए बहुत संभावनाएं हैं। अभी कच्चा ताड़ का 98 % तेल आयात किया जाता है। प्रधानमंत्री इस निर्भरता को कम करना चाहते हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने आज दो निर्णय लिए हैं, पाम तेल के कच्चे माल का दाम केंद्र सरकार तय करेगी।


उन्होंने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया है कि अगर बाजार में उतार चढ़ाव आया और किसान की फसल का मूल्य कम हुआ तो जो अंतर की राशि है वो सरकार डीबीटी के माध्यम से किसानों को भुगतान करेगी।

कृषि मंत्री ने बताया कि पहले पाम तेल की रोपण सामग्री के लिए अनुदान 12000 रुपए प्रति हेक्टेयर दिया जाता था अब इसे बढ़ाकर 29000 रुपए प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि अभी पाम की खेती लगभग साढ़े तीन लाख हेक्टेयर में हो रही है, आने वाले दिनों में यह 10 लाख हेक्टेयर तक हो जाएगी।

 

 

एसएनबी
नई दिल्ली


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