डीएपी उर्वरक पर प्रति बोरी 700 रुपए की सब्सिडी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को डीएपी उर्वरक पर प्रति बोरी सब्सिडी में 700 रुपए की बढ़ोतरी को मंजूरी दी। इससे सरकारी खजाने पर 14,775 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा है।
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सरकार इस निर्णय के जरिए यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वैिक कीमतों में वृद्धि के बावजूद किसानों को डीएपी उर्वरक पुरानी दरों पर ही सुलभ हों। देश में यूरिया के बाद उर्वरकों में सबसे अधिक खपत डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की होती है। पिछले महीने केंद्र ने डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी 140 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया था। यह फैसला प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया था। मीडिया को जानकारी देते हुए, रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कहा कि मंत्रिमंडल ने किसानों के लाभ के लिए डीएपी उर्वरक के लिए सब्सिडी राशि बढाने को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा, किसानों को 1,200 रुपए प्रति बोरी की पुरानी दर से डीएपी मिलता रहेगा। एक बोरी में 50 किलोग्राम खाद होती है। उनके अनुसार, किसानों को राहत देने के लिए डीएपी उर्वरक की सब्सिडी 500 रुपए प्रति बोरी से बढ़ाकर 1,200 रुपए प्रति बोरी कर दी गई है।
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकारी खजाने पर अतिरिक्त सब्सिडी का बोझ 14,775 करोड़ रुप, का होगा। पिछले साल डीएपी की वास्तविक कीमत 1,700 रुपए प्रति बोरी थी, जिस पर केंद्र सरकार 500 रुपए की सब्सिडी दे रही थी इसलिए कंपनियां किसानों को खाद 1,200 रुपए प्रति बोरी में बेच रही थीं।
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