दुनियाभर में बढ़ रही बिटक्वाइन की स्वीकार्यता

Last Updated 18 Feb 2021 05:31:44 AM IST

दुनिया भर में स्वीकार्यता को लेकर चल रही तमाम अटकलों के बावजूद बिटक्वाइन का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। इस आभाषी मुद्रा ने निवेशकों को खूब मालामाल किया है।


दुनियाभर में बढ़ रही बिटक्वाइन की स्वीकार्यता

वर्ष 2010 में एक डालर की तुलना में अब इसका भाव 50 हजार डालर को पार कर गया है। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए अब भारत सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी को मंजूरी देने की तैयारी में है।

छप्पर फाड़ रिटर्न : क्रिप्टो करेंसी मार्केट में जबरदस्त तेजी का दौर चल रहा है। एक बिटक्वाइन  50,000 डालर यानी 37.20 लाख रुपए के पार चली गई है। इसकी वजह हाल में दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने बिटक्वाइन में 1.5 अरब डालर का निवेश किया है। वहीं कई बड़ी इंश्योरेंस कंपनियों जैसे मास म्यूचुअल, एसेट मैनेजर गैलेक्सी डिजिटल होल्डिंग, पेमेंट कंपनी स्क्वायर ने भी इसमें बड़ा निवेश किया है। इस वजह से इसकी कीमत लगातार ऊपर की ओर जा रही है।

बढ़ रही स्वीकार्यता : पूरी दुनिया में अब बिटक्वाइन की स्वीकार्यता काफी बढ़ी है। इसी वजह से लोग अब इस डिजिटल करेंसी में जमकर निवेश कर रहे हैं। वहीं एपल और टेस्ला जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश बढ़ाने से इस आभाषी मुद्रा के प्रति लोगों को भरोसा बढ़ रहा है। भारत में बड़ी संख्या में लोग अब बिटक्वाइन में निवेश कर रहे हैं।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी : क्रिप्टो का मतलब ऐसी चीज से जो वास्तविक न हो। क्रिप्टोकरेंसी सिर्फ  इंटरनेट और कंप्यूटर पर उपलब्ध होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह करेंसी किसी भी एक प्राधिकार के काबू में भी नहीं होती।

भारत में क्या है स्थिति
क्रिप्टोकरेंसी से निपटने के लिए भारत में मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं है। रिजर्व बैंक, सेबी आदि जैसी नियामक संस्थाओं के पास क्रिप्टो करेंसी को सीधे नियंत्रित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है क्योंकि ये न तो मुद्राएं हैं, न ही संपत्ति और न ही प्रतिभूतियां। इसलिए सरकार इसके लिए कानून बनाने की प्रक्रिया में है। वर्ष 2018 में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित लेनदेन बैंकों को प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि पिछले साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया था।

क्रिप्टोकरेंसी के संबध में केंद्र सरकार जल्द ही एक विधेयक लाएगी। इस  बिल को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा -अनुराग ठाकुर, वित्त राज्यमंत्री

सहारा न्यूज ब्यूरो/देवेन्द्र शर्मा
नई दिल्ली


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