लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में हुआ 35 फीसद का इजाफा

Last Updated 26 Jan 2021 03:34:16 AM IST

गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाली संस्था ऑक्सफैम ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ गई, जबकि इस दौरान करोड़ों लोगों के लिए आजीविका का संकट पैदा हो गया।


लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में हुआ 35 फीसद का इजाफा

ऑक्सफैम की रिपोर्ट ‘इन इक्वैलिटी वायरस’ में कहा गया, ‘मार्च 2020 के बाद की अवधि में भारत में 100 अरबपतियों की संपत्ति में 12,97,822 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। इतनी राशि का वितरण यदि देश के 13.8 करोड़ सबसे गरीब लोगों में किया जाए, तो इनमें से प्रत्येक को 94,045 रुपए दिए जा सकते हैं।’
रिपोर्ट में आय की असमता का जिक्र करते हुए बताया गया कि महामारी के दौरान मुकेश अंबानी को एक घंटे में जितनी आमदनी हुई, उतनी कमाई करने में एक अकुशल मजदूर को दस हजार साल लग जाएंगे, या मुकेश अंबानी ने जितनी आय एक सेकेंड में हासिल की, उसे पाने में एक अकुशल मजदूर को तीन साल लगेंगे।
ऑक्सफैम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ बेहर ने कहा,  कि शुरुआत में सोच थी कि महामारी सभी को समान रूप से प्रभावित करेगी, लेकिन लॉकडाउन होने पर समाज में विषमताएं खुलकर सामने आ गईं।

रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, शिव नादर, सायरस पूनावाला, उदय कोटक, अजीम प्रेमजी, सुनील मित्तल, राधाकृष्ण दमानी, कुमार मंगलम बिरला और लक्ष्मी मित्तल जैसे अरबपतियों की संपत्ति मार्च 2020 के बाद महामारी और लॉकडाउन के दौरान तेजी से बढ़ी। दूसरी ओर अप्रैल 2020 में प्रति घंटे 1.7 लाख लोग बेरोजगार हो रहे थे।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत अरबपतियों की संपत्ति के मामले में अमेरिका, चीन, जर्मनी, रूस और फ्रांस के बाद छठे स्थान पर पहुंच गया। भारत के 11 प्रमुख अरबपतियों की आय में महामारी के दौरान जितनी बढ़ोतरी हुई, उससे मनरेगा और स्वास्थ्य मंत्रालय का मौजूदा बजट एक दशक तक प्राप्त हो सकता है।’
लॉकडाउन का अनौपचारिक मजदूरों पर सबसे बुरा असर हुआ और करीब 12.2 करोड़ लोगों ने रोजगार खोए, जिनमें से 9.2 करोड़ अनौपचारिक क्षेत्र के थे। इस संकट ने महिलाएं बुरी तरह प्रभावित हुई और 1.7 करोड़ महिलाओं का रोजगार अप्रैल 2020 में छिन गया। महिलाओं में बेरोजगारी दर लॉकडाउन से पहले ही 15% थी, इसमें 18% की और बढ़ोतरी हो गई।’ इसके अलावा स्कूलों से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या दोगुनी होने की आशंका भी जताई गई।

मनरेगा व हेल्थ बजट भी पीछे छूटे
भारत के 11 अरबपतियों की आय में महामारी के दौरान जितनी बढ़ोतरी हुई, उससे मनरेगा और स्वास्थ्य मंत्रालय का मौजूदा बजट एक दशक तक प्राप्त हो सकता है।’

बुरी तरह प्रभावित हुई महिलाएं
महामारी के दौरान महिलाओं ने सबसे अधिक कष्ट सहा और ‘1.7 करोड़ महिलाओं का रोजगार अप्रैल 2020 में छिन गया। महिलाओं में बेरोजगारी दर लॉकडाउन से पहले ही 15 प्रतिशत थी, इसमें 18 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो गई।’ महामारी और लॉकडाउन का अनौपचारिक मजदूरों पर सबसे बुरा असर हुआ। इससे 12.2 करोड़ ने रोजगार खो दिये।

किन भारतीयों की संपत्ति बढ़ी
कोविड महामारी और लॉकडाउन के दौरान मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, शिव नादर, सायरस पूनावाला, उदय कोटक, अजीम प्रेमजी, सुनील मित्तल, राधाकृष्ण दमानी, कुमार मंगलम बिरला और लक्ष्मी मित्तल जैसे अरबपतियों की संपत्ति मार्च 2020 के बाद महामारी और लॉकडाउन के दौरान तेजी से बढ़ी।

भाषा
नई दिल्ली


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