कोरोना संकट : बंदरगाहों पर 1715 पोत फंसे

Last Updated 22 Apr 2020 01:53:00 AM IST

पोत परिवहन मंत्रालय कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए निर्यात और आयात योग्य सामान लाने, ले जाने वाले जहाजों के मामले में पूरी सतर्कता बरत रहा है।


कोरोना संकट : बंदरगाहों पर 1715 पोत फंसे

देश के बंदरगाहों पर रविवार तक 1715 आ चुके हैं और इन जहाजों के चालक दल के 55 हजार सदस्य फंसे हुए हैं। इन सदस्यों को पोत पर उतरने नहीं दिया जा रहा है। इन जहाजों में ज्यादातर जहाज चीन से आए हैं। पोत परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

 देश के तटों पर 27 जनवरी से 19 अप्रैल के दौरान 1,715 जहाज आए। इनमें से 1,347 जहाज बड़े बंदरगाहों पर आए और उन्हें वहां निर्दिष्ट स्थानों पर रुकने की अनुमति दी गई। अधिकारी ने कहा, ‘हम बंदरगाहों पर माल वाहक जहाजों के रखरखाव के मामले में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ऐहतियाती उपायों का कड़ाई से पालन कर रहे हैं। सरकार ने 1,715 जहाजों के 55,238 चालक दल के सदस्यों और यात्रियों को दैनिक पास जारी नहीं किए।’

कुल 55,238 चालक दल के सदस्यों और यात्रियों में से 48,261 देश के बड़े बंदरगाहों पर पहुंचे थे।अधिकारी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों के अनुसार इन सभी चालक दल के सदस्यों और यात्रियों में बुखार एवं अन्य जांच की गई। देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों में दीनदयाल (पूर्व में कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मुड़गांव, न्यू मैंगलोर, कोचीन, चेन्नई, कामराजर (पूर्व में एन्नोर), वी ओ चिदंरबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया शामिल) हैं। इन बंदरगाहों के जरिये 2019-20 में करीब 70.5 करोड़ टन माल का रखरखाव हुआ।

मंत्रालय ने कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए जारी ‘लाकडाउन’ को देखते हुए सभी बंदरगहों पर सुचारू कामकाज के लिए किराए में छूट समेत कई कदम उठाए हैं। सरकार ने 22 मार्च से बंद के कारण सभी बड़े बंदरगाहों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बंदरगाह उपयोग करने वालों (व्यापारियों, जहाज कंपनियां आदि) को समान लादने/उतारने या अन्य किसी प्रकार कार्य में देरी के लिए कोई भी जुर्माना, शुल्क, किराया आदि नहीं लगे।

भाषा
नई दिल्ली


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