कोरोना : 52 हजार करोड़ के सेस फंड से साढ़े 3 करोड़ मजदूरों के खाते में जाएगा

Last Updated 24 Mar 2020 04:46:03 PM IST

देश में कोरोना वायरस से पैदा हुए संकट के बीच केंद्र सरकार ने भवन निर्माण क्षेत्र से जुड़े असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की तकलीफों को सुना है। सेस फंड में मौजूद 52 हजार करोड़ रुपये में से साढ़े तीन करोड़ मजदूरों के खाते में पैसा भेजने का निर्देश राज्यों को जारी हुआ है।


श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने इस बाबत सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मंगलवार को पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में आर्थिक मदद न केवल मजदूरों की जिंदगी आसान करेगी बल्कि उन्हें महामारी से लड़ने का हौसला भी देगी।

दरअसल, भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 के तहत सरकार सेस (उपकर) वसूलती है। वसूली गई धनराशि सेस फंड में जमा होती है। इस धनराशि से भवन निर्माण कार्य में लगे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए राहत योजनाएं चलाई जातीं हैं। चूंकि इस वक्त कोरोना संकट के कारण अधिकांश हिस्सों में लॉकडाउन है, रोजगार ठप हो चुका है, जिससे मजदूरों के सामने दो जून की रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सेस फंड से निर्माण कल्याण बोर्ड में पंजीकृत मजदूरों के खाते में धनराशि भेजने की सलाह सभी राज्यों को दी है।

श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना के कारण संकट की इस घड़ी में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की समस्याओं को दूर किया जाना जरूरी है। भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण उपकर अधिनियम 1996 के तहत सेस फंड में 52 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। ऐसे में निर्माण कल्याण बोर्ड में पंजीकृत मजदूरों के खाते में धनराशि भेजी जाए।

श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि मजदूरों के खाते में कितनी धनराशि जाएगी, यह राज्य सरकारें तय करेंगी। उन्होंने अपने पत्र में इस बात को स्पष्ट लिखा है कि राज्य सरकारें अपने अनुसार धनराशि का निर्धारण कर सकतीं हैं। मंत्री संतोष गंगवार ने राज्य सरकारों से कहा है कि मजदूरों को मिलने वाली आर्थिक मदद उन्हें इस महामारी से लड़ने का साहस प्रदान करेगी।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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