सरकार आर्थिक वृद्धि के लिए हरसम्भव कदम उठाने को तैयार: सीतारमण

Last Updated 14 Feb 2020 04:48:15 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरूरत पड़ने पर सरकार बजट की घोषणाओं के अलावा और भी कदम उठाने को तैयार है।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण(फाइल फोटो)

संपत्ति प्रबंधन, संपत्ति परामर्श, कर सलाहकार और अन्य संबंधित सेवाओं के पेशेवरों के साथ ‘बजट और उसके बाद’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में मंत्री ने यह भी कहा कि 2020-21 का बजट ऐसा है जिसका इक्विटी, बांड और मुद्रा बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

सीतारमण ने कहा, ‘‘अगर बजट के अलावा और कुछ करने की जरूरत पड़ती है, हम उसे करने को तैयार हैं।’’

परिचर्चा के दौरान पेशेवरों ने देश में आर्थिक गतिविधियों को बढाने के लिये कई सुझाव दिये।

सरकार ने एक फरवरी को पेश बजट में आर्थिक गतिविधियां बढाने को लेकर कई कदमों की घोषणा की है। यह घोषणा ऐसे समय की गयी जब देश में कई कारणों से मांग में नरमी है।    

देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो 11 साल का न्यूनतम स्तर है।

परिचर्चा के दौरान पेशेवरों ने खपत बढाने, ग्राहकों के पॉकेट में और पैसा डालने, नकदी बढाने के लिये जरूरी उपायों और पूंजी बाजार के बारे में कई सुझाव दिये।     इसके अलावा प्रत्यक्ष कर से संबद्ध विवादों के समाधान को लेकर लायी गयी ‘विवाद से विश्वास’ योजना को लेकर भी कई सुझाव दिये गये। इस योजना की घोषणा 2020-21 के बजट में की गयी है।    

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय योजना के बारे में जल्दी ही विस्तृत ब्योरा उपलब्ध कराएगा। हालांकि योजना के क्रियान्वयन से पहले संसद की मंजूरी की जरूरत होगी। वित्त मंत्री ने परिचर्चा में शामिल पेशेवरों को आस्त किया कि उनका मंत्रालय सुझावों पर गौर करेगा।

इससे पहले, सीतारमण मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में इसी प्रकार की परिचर्चा कर चुकी हैं।      

बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत शामिल थे। इसके अलावा वित्त मंत्रालय के सचिव भी इसमें उपस्थित थे।    

भाषा
नयी दिल्ली


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