वित्त मंत्री ने संसद में पेश किया आर्थिक सर्वे, 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ बढ़कर 6-6.5 फीसदी पहुंचने की उम्मीद
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। वित्तमंत्री द्वारा प्रस्तुत समीक्षा में चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर पांच फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
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संसद में शु्क्रवार को प्रस्तुत वर्ष 2019-20 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि देश की आर्थिक वृद्धि दर में जितनी नरमी आनी थी, वह आ चुकी है और अगले वित्त वर्ष में यह बढकर छह से 6.5 प्रतिशत के बीच रहेगी।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत समीक्षा में चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
समीक्षा में कहा गया कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर कमजोर होने तथा देश के वित्तीय क्षेत्र की समस्याओं के चलते निवेश धीमा होने से भारत पर असर पड़ रहा है। इसके चलते चालू वित्त वर्ष में घरेलू आर्थिक वृद्धि दर एक दशक के निचले स्तर पर आ गयी है। समीक्षा में कहा गया कि 2019-20 में वृद्धि कम से कम पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में वृद्धि दर घट कर 4.5 प्रतिशत पर आ गयी थी।
इस बार की आर्थिक समीक्षा को हल्के बैंगनी रंग के आवरण में प्रकाशित किया गया है। 100 रुपये के नये नोट का रंग भी यही है। समीक्षा में कहा गया है कि संपत्ति का वितरण करने के लिए पहले उसका सृजन करने की आवश्यकता है। इसी संदर्भ में इसमें संपत्ति का सृजन करने वालों को सम्मान दिए जाने की जरूत पर बल दिया गया है।
समीक्षा के अनुसार, सरकार का दखल प्याज जैसी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने में अप्रभावी साबित हुआ लगता है।
आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करने के लिये समीक्षा में विनिर्माण के नये विचारों की वकालत की गयी है। इन विचारों में ‘वि के लिये भारत में असेंबल’ करने का विचार भी शामिल है, जिससे रोजगार सृजन होगा।
समीक्षा में कारोबार सुगमता को आगे बढाने के लिये निर्यात संवर्धन के लिये बंदरगाहों से लालफीताशाही दूर करने तथा कारोबार प्रारंभ करने, संपत्ति का पंजीयन कराने, कर भुगतान करने और करार करने को आसान बनाने जैसे उपाय करने की जरूरत है।
समीक्षा में सरकारी बैंकों में कंपनी संचालन बेहतर बनाने तथा निवेशकों का भरोसा बढाने के लिये और आधिक जानकारी के प्रकाशन की आवश्यकता जरूरत पर बल दिया गया है। समीक्षा में बैंकिंग क्षेत्र में बौनेपन की प्रवृत्ति का भी उल्लेख है।
आर्थिक समीक्षा में अर्थव्यवस्था तथा बाजार को मजबूत बनाने के लिये 10 नये विचारों की वकालत की गयी है।
- आर्थिक समीक्षा में सरकारी बैंकों की संचालन व्यवस्था में सुधार तथा भरोसा कायम करने के लिए और अधिक सूचनाएं सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करने पर जोर।
- नया कारोबार शुरू करने, संपत्ति पंजीकरण, कर भुगतान और अनुबंधों के प्रवर्तन को सुगम करने के लिए उपायों की जरूरत : आर्थिक समीक्षा
- आर्थिक सव्रेक्षण में देश में व्यवसाय करने को आसान बनाने के लिए और सुधार करने का आह्वान किया गया है।
- चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान, आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिये चालू वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटा लक्ष्य में देनी पड़ सकती है
- आर्थिक समीक्षा 2019-20 संसद में पेश, अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6-6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान।
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