AGR मामला : दूरसंचार कंपनियों को एक सप्ताह में करना होगा 1.47 लाख करोड़ का भुगतान

Last Updated 17 Jan 2020 05:06:30 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों को एक लाख 47 हजार करोड़ रुपए के वैधानिक बकायों की रकम 23 जनवरी तक जमा करने के अपने आदेश पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकाएं खारिज कर दीं।


सुप्रीम कोर्ट

भारी कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया सुधारात्मक याचिका दायर करने पर विचार कर रही।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर, 2019 को अपनी व्यवस्था में कहा था कि वैधानिक बकाए की गणना के लिए दूरसंचार कंपनियों के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) में उनके दूरसंचार सेवाओं से इतर राजस्व को शामिल किया जाना कायदे कानून के अनुसार ही है। इसी आधार पर शीर्ष न्यायालय ने इस संबंध में वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और अन्य दूरसंचार कंपनियों की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया।
जस्टिस अरुण मिश्रा, एस अब्दुल नजीर और मुकेश शाह की बेंच ने दूरसंचार कंपनियों की पुनर्विचार याचिकाओं पर चैंबर में विचार किया और उसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का कोई आधार नजर नहीं आया। अदालत ने इस पर इन याचिकाओं को खारिज कर दिया। दूरसंचार कंपनियों ने अपनी पुनर्विचार याचिकाओं पर अदालत में सुनवाई का अनुरोध किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी याचिकाओं पर चैंबर में ही विचार करने की परंपरा पर कायम रहने का निर्णय किया।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 24 अक्टूबर को दूरसंचार विभाग द्वारा एजीआर को परिभाषित करने का फामरूला बरकरार रखते हुए संचार सेवा प्रदाताओं की आपत्तियों को थोथा करार दिया था। भारती एयरटेल ने अपनी याचिका में एजीआर के संबंध में ब्याज, दंड और दंड पर ब्याज के पहलुओं पर दिए गए निर्देशों पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था।

उधर वोडाफोन आइडिया ने एक बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी और अन्य दूरसंचार कंपनियों की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। कंपनी सुधारात्मक याचिका समेत अन्य विकल्पों की भी तलाश कर रही है।’ वोडाफोन आइडिया पर करीब 1.17 लाख करोड़ रुपए का भारी कर्ज बकाया है।

क्या है मसला
एजीआर के तहत क्या-क्या शामिल होगा, इसकी परिभाषा को लेकर दूरसंचार कंपनी और सरकार के बीच विवाद चल रहा था। ये कंपनियां सरकार के साथ लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज शेयरिंग करती हैं। शीर्ष अदालत की परिभाषा के अनुसार  किराया, संपत्ति की बिक्री पर मुनाफा, ट्रेजरी इनकम, डिविडेंड सभी एजीआर में शामिल होगा। वहीं, डूबे हुए कर्ज, करंसी में फ्लकचुएशन , कैपिटल रिसिप्ट डिस्ट्रीब्यूशन मार्जन एजीआर में शामिल नहीं करने का आदेश दिया गया है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment