आम्रपाली के निदेशकों को हिरासत में लेकर ईडी कर सकता है पूछताछ

Last Updated 14 Jan 2020 02:28:08 AM IST

आम्रपाली मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा है कि वह धन शोधन मामले में कंपनी के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा सहित तीनों निदेशकों को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर सकता है।


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)

पूछताछ के बाद उन्हें वापस न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी से कहा है कि वह सात प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन के काम में तेजी लाए और निर्देश दिया कि एनबीसीसी को 14 करोड़ रु पए का भुगतान दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट में फ्लैट खरीदारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एमएल लाहोटी ने कहा कि अदालत ने सात प्रोजेक्ट के लिए पहले एनबीसीसी को 61 करोड़ रु पए का भुगतान करने का आदेश दिया था। अदालत ने सोमवार को निर्देश दिया कि एनबीसीसी को 14 करोड़ और भुगतान किया जाए ताकि प्रोजेक्ट का काम तेजी से पूरा किया जा सके।

लाहोटी ने बताया कि एमएस धोनी जिस रिती स्पोर्ट्स के लिए काम करते थे, उस कंपनी की 42 करोड़ 22 लाख रुपए की देनदारी का भी सवाल उठाया गया। इस दौरान मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि कंपनी पर कोई बकाया नहीं है, क्योंकि जो पेमेंट हुआ है वह विज्ञापन के एवज में हुआ है। तब सुप्रीम कोर्ट ने लाहोटी से कहा है कि वह इस मामले में अपना जवाब दाखिल करें।

मामले की सुनवाई के दौरान सुरेखा फैमिली से कहा गया कि वह 167 करोड़ रु पए सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करे जैसा कि आदेश पारित किया गया था। उनके वकील कोर्ट के सामने प्रॉपर्टी के पेपर लेकर आए थे। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिरी मौका दिया जाता है वह चार हफ्ते में पैसे जमा करें।

इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट ने जेपी मॉर्गन कंपनी के 140 करोड़ जमा नहीं किए जाने के मामले में ईडी से कहा है कि वह इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करें और इनकी संपत्ति को कुर्क करने के बारे में कदम उठाएं। सुप्रीम कोर्ट में बैंकों की ओर से बताया गया है कि वह लोन की बकाया राशि देने को तैयार हैं लेकिन आरबीआई की गाइडलाइंस के कुछ अड़चन के कारण पैसा रिलीज नहीं हो रहा है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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