श्रमिक संगठनों ने किया बुधवार को भारत बंद आह्वान, सरकार ने चेताया
बुधवार को वर्ष 2020 का पहला भारत बंद आहूत किया गया है। श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत इस बंद में 25 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है।
श्रमिक संगठनों ने किया बुधवार को भारत बंद आह्वान |
बंद में कई बैंक यूनियनों के शामिल होने से बैंकिंग सेवाओं पर भी असर पड़ने की आशंका है। उधर केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को चेताया है कि यदि वे आठ जनवरी को हड़ताल में शामिल होते हैं तो उन्हें इसका ‘नतीजा’ भुगतना पड़ेगा।
श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का व्यापक असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। श्रमिकों की यूनियनों में शामिल सरकारी कर्मचारियों द्वारा इस हड़ताल को समर्थन दिए जाने से सरकारी कामकाज भी प्रभावित हो सकता है। केंद्र सरकार की नीतियों मसलन श्रम सुधार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और निजीकरण के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कर्मचारियों को यह चेतावनी देते हुए हड़ताल से दूर रहने को कहा गया है।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और विभिन्न क्षेत्रों में उनसे संबद्ध कर्मचारी यूनियनों ने श्रमिकों और कर्मचारियों को आठ जनवरी को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ हड़ताल में शामिल नहीं है। यूनियनों ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों के लिए हड़ताल बुलाई है। इनमें न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल हैं।
सरकारी आदेश में कहा गया है कि यदि कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो उसे उसके नतीजे भुगतने होंगे। वेतन काटने के अलावा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। केंद्र सरकार के सभी विभागों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि मौजूदा निर्देश किसी भी सरकारी कर्मचारी को हड़ताल में शामिल होने से रोकता है।
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